भोपाल, अगस्त 2014/ किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने के.जे. एजुकेशन सोसायटी द्वारा ‘मधुमक्खियों के अस्तित्व पर संकट’ सेमिनार में कहा कि खाद्यान्न उत्पादन में मधुमक्खियों का महत्वपूर्ण योगदान है। मधुमक्खियों की कई प्रजातियाँ विश्व के विभिन्न भाग में पाई जाती है। इनसे निकलने वाला शहद मानव स्वास्थ्य के लिये बहुत उपयोगी है। इनकी आदत को पहचान कर आवश्यकता को भलीभाँति समयानुसार समझकर पूरी करना तथा उन्हें कम कष्ट पहुँचाकर अधिक से अधिक व्यवसाय किया जा सकता है।

श्री बिसेन ने कहा कि वर्तमान समय में सभी फसलों में कीट-नाशकों के उपयोग के कारण मधुमक्खियों के नष्ट होने की स्थिति निर्मित हो रही है। ग्रामीण क्षेत्र में इनके पालन को आय के एक सहायक स्रोत के रूप में अपनाया जा रहा है। इनसे अनेक लाभ हैं इनमें उत्कृष्ट ग्रामीण उद्योग, पौष्टिक आहार, चिकित्सीय महत्व, संकर परामण, ग्रामीणों को उनकी आवश्यकता के अनुसार रोजगार उपलब्ध करवाना आदि शामिल हैं।

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