भोपाल, नवम्बर 2014/ नगरीय निकाय निर्वाचन में मतदाताओं की पहचान स्थापित करने के लिए 18 दस्तावेज मान्य किये जायेंगे। इनमें से कोई भी एक दस्तावेज प्रस्तुत करने की अपेक्षा मतदाता से की गई है।

राज्य निर्वाचन आयुक्त आर. परशुराम ने जानकारी दी है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदाय किया गया मतदाता पहचान-पत्र, राशन कार्ड/नीला राशन कार्ड/पीला राशन कार्ड, बेंक/किसान/डाकघर पासबुक, शस्त्र लाइसेंस, फोटो युक्त सम्पत्ति दस्तावेज जैसे पट्टा/ रजिस्ट्रीकृत विलेख आदि, विकलांगता प्रमाण-पत्र, निराश्रित प्रमाण-पत्र, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, आयकर पहचान-पत्र (पी.ए.एन.कार्ड), राज्य/केन्द्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, स्थानीय निकाय या अन्य निजी औधौगिक संस्थानों द्वारा उनके कर्मचारियों को जारी किए जाने वाले सेवा पहचान-पत्र, छात्र पहचान-पत्र, सक्षम प्राधिकारियों द्वारा जारी अ.जा./अ.ज.जा./अन्य पिछड़ा वर्ग/अधिवासी प्रमाण-पत्र, पेंशन दस्तावेज जैसे भूतपूर्व सैनिक पेंशन अदायगी आदेश/भूतपूर्व सैनिक विधवा/आश्रित प्रमाण-पत्र, रेलवे पहचान-पत्र,स्वतंत्रता सेनानी पहचान-पत्र, फोटोयुक्त आधार कार्ड और राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी फोटोयुक्त मतदाता पर्ची मतदाता की पहचान के लिए मान्य किए जायेंगे।

कोई भी दस्तावेज जो परिवार के मुखिया के पास ही उपलब्ध होता है, परिवार के दूसरे सदस्यों की पहचान के लिए अनुमति दी जाएगी। इसी प्रकार से परिवार के किसी दूसरे सदस्य के नाम से कोई दस्तावेज अन्य सदस्यों की पहचान के लिए भी मान्य किया जा सकता है।

अब पीठासीन अधिकारी द्वारा स्थानीय शासकीय विधालय के शिक्षक, शासकीय कर्मचारी अथवा किसी प्रतिष्ठित स्थानीय निवासी से मतदाता की पहचान स्थापित करने संबंधी प्रावधान को हटा दिया गया है।

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