भोपाल, अगस्त 2015/ सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में राज्य शासन द्वारा प्रदेश में पत्रकार और गैर-पत्रकार कर्मचारियों के लिये मजीठिया बोर्ड की अनुशंसा लागू की जा रही है। श्रमायुक्त के निर्देशानुसार श्रम विभाग के अधिकारी समाचार-पत्र और न्यूज एजेंसी संस्थानों का निरीक्षण कर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का क्रियान्वयन सुनिश्चित कर रहे हैं। आदेश का उल्लंघन करने वाले संस्थानों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।
श्रम विभाग ने अनुशंसा से प्रभावित होने वालों से विभागीय पोर्टल www.labour.mp.gov.in के माध्यम से भी बोर्ड की अनुशंसाओं को लागू करने के संबंध में ई-मेल द्वारा शिकायतें और सुझाव 9 अगस्त, 2015 तक माँगे हैं। प्राप्त शिकायत और सुझावों पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। विस्तृत जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध है।
पत्रकार एवं गैर-पत्रकार कर्मचारियों के वेतन और अन्य भत्तों के संबंध में मजीठिया वेतन बोर्ड की अनुशंसाओं को लागू करने के आदेश श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 11 नवम्बर, 2011 को जारी किये गये थे। सर्वोच्च न्यायालय ने विभिन्न याचिकाओं को निराकृत करते हुए 7 फरवरी, 2014 को आदेश दिया कि सभी समाचार-पत्र एवं न्यूज एजेंसी संस्थान उनमें कार्यरत पत्रकार एवं गैर-पत्रकार कर्मचारियों को मजीठिया वेतन बोर्ड की अनुशंसा अनुसार निर्धारित वेतन और भत्ते एरियर सहित प्रदान करें।