भोपाल, अप्रैल 2013/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में मजदूरों को मकान उपलब्ध करवाने का काम मिशन के रूप में किया जायेगा। इसके लिये मुख्यमंत्री श्रमिक आवास संगठन गठित किया जायेगा। पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के लिये मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक पेंशन योजना लागू की जायेगी। इसके लिये एक पेंशन फंड गठित किया जायेगा। अब प्रदेश में न्यूनतम मजदूरी को महँगाई से जोड़ा जायेगा, महँगाई बढ़ने पर न्यूनतम मजदूरी बढ़ेगी। मुख्यमंत्री यहाँ जम्बूरी मैदान में आयोजित मजदूर महापंचायत को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने श्रमिक कल्याण की अनेक योजनाओं की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रम निर्माण कर्मकार कल्याण अधिनियम के तहत 46 और श्रमिक वर्गों को शामिल किया जायेगा। मजदूरों के लिये प्रथम चरण में नगरीय क्षेत्रों में 10 हजार आवास बनाये जायेंगे। तीन लाख रुपये लागत के इन आवास में भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा 70 हजार रुपये का अनुदान दिया जायेगा, हितग्राही का अंशदान भी लिया जाएगा तथा शेष राशि बैंकों से ऋण के रूप में उपलब्ध करवायी जायेगी। प्रदेश के छोटे शहरों में भी योजना का विस्तार होगा। अस्थाई रूप से काम के लिये शहरों में आने वाले श्रमिकों के लिये आश्रय गृह बनाये जायेंगे। मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक पेंशन योजना में श्रमिक द्वारा 500 रुपये प्रतिवर्ष जमा करवाने पर 500 रुपये का अंशदान पांच वर्ष तक श्रमिक कल्याण मंडल द्वारा दिया जायेगा। वे श्रमिक जो पाँच वर्ष से अधिक समय तक पंजीकृत हों तथा किसी कारण से सामान्य कार्य करने में असमर्थ हो जायें तो उन्हें 300 रुपये प्रतिमाह की पेंशन दी जायेगी।
मजदूरों के बच्चों के लिये उत्कृष्ट एजुकेशन सिटी
श्री चौहान ने कहा कि भोपाल में 36 एकड़ क्षेत्र में सौ करोड़ रुपये की लागत से पंजीकृत मजदूरों के बच्चों की शिक्षा के लिये एक अत्याधुनिक उत्कृष्ट एजुकेशन सिटी स्थापित की जायेगी। श्रमिकों के बच्चों के मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पर 10 हजार रुपये और इंजीनियरिंग कालेज में प्रवेश पर 7 हजार रुपये का अध्ययन अनुदान दिया जायेगा। निर्माण श्रमिकों के बच्चों की पढ़ाई के लिये शिक्षा ऋण योजना बनायी जायेगी। राज्य लोक सेवा आयोग और संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में चयन होने पर पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को प्रोत्साहन राशि दी जायेगी।
हर संभाग में होगा श्रमिक स्किल डेवलपमेंट सेंटर
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अब भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल की प्रसूति सहायता योजना का लाभ तीसरे बच्चे की प्रसूति पर भी दिया जायेगा। मजदूरों के बच्चों के कौशल उन्नयन के लिये हर संभाग में एक स्किल डेव्हलपमेंट सेंटर बनाया जायेगा।
प्रदेश के बाहर मृत्यु पर भी सहायता
मुख्यमंत्री ने कहा यदि प्रदेश के बाहर जाने वाले मजदूरों की वहाँ मृत्यु हो जाती है तो उन्हें मध्यप्रदेश की तरह ही आर्थिक सहायता दी जायेगी। अब श्रमिकों को पंजीयन कार्ड का नवीनीकरण नहीं करवाना होगा, एक ही कार्ड पूरे जीवनभर काम आयेगा।श्रमिक सहायता योजना के तहत अंत्येष्टि के लिये दी जाने वाली सहायता राशि 2000 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये की जायेगी। ऐसी नीति बनायी जायेगी, जिसके तहत शहर में आने वाले मजदूरों के आवास की अस्थाई व्यवस्था ठेकेदार को करना होगी तथा कोई मजदूर स्थाई रूप से रहता है तो उसे मकान बनाकर देने की योजना बनायी जायेगी।
कार्यक्रम को पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव, कृषि मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमारिया, पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद नरेन्द्र सिंह तोमर, व श्रम मंत्री जगन्नाथ सिंह ने भी संबोधित किया।