भोपाल, नवंबर 2012/ प्रदेश में मत्स्य-पालन को बढ़ावा देने के लिये मछुआरों को भी शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण मिलेगा। प्रदेश के केला उत्पादक किसानों की माँग पर केले को पुन: मण्डी अधिनियम के दायरे में लाया जायेगा। इस संबंध में शीघ्र ही अधिसूचना जारी की जायेगी। यह महत्वपूर्ण निर्णय यहाँ मंत्रालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में कृषि केबिनेट की बैठक में लिये गये। कृषि केबिनेट ने 12वीं योजना के लिये 17 कृषि योजनाओं का अनुमोदन किया।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में सबसे ज्यादा केले का उत्पादन बुरहानपुर जिले में होता है। मंडी के माध्यम से केले की खरीदी, बिक्री से केला उत्पादकों को औसतन रूपये 800 से 1700 प्रति क्विंटल केले का मूल्य प्राप्त हो रहा था। जनवरी 2012 के बाद यह घटकर औसतन रूपये 400 से 1000 रह गया। केला उत्पादकों ने केले का क्रय-विक्रय पहले की तरह मंडी के माध्यम से ही करवाने की माँग की थी।
मत्स्य-पालकों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण देने के निर्णय से वे समय पर मत्स्य-बीज, उर्वरक, दवाइयाँ खरीद कर सकेंगे और तालाब की साफ-सफाई, नाव और जाल की व्यवस्था भी कर सकेंगे। मत्स्य-पालकों के लिये फिशरमेन क्रेडिट कार्ड योजना भी प्रारंभ की जायेगी।
‘फार्म टू पोर्ट इंटीग्रेशन‘ परियोजना पवारखेड़ा में
कृषि केबिनेट के समक्ष मंडी बोर्ड की वर्तमान और भविष्य की योजनाओं के संबंध में प्रस्तुतीकरण हुआ। मुख्यमंत्री ने मंडियों की अधोसंरचना को और ज्यादा मजबूत बनाने के निर्देश दिये हैं। प्रस्तुतिकरण के दौरान बताया गया कि होशंगाबाद के पवारखेड़ा में सार्वजनिक-निजी भागीदारी योजना में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब बनाया जा रहा है। यह तीन वर्ष में पूरा होगा। इसमें कार्गो के लिये कंटेनर डिपो, रेलवे टर्मिनल, 3 हजार मीट्रिक टन कोल्ड स्टोरेज, विभिन्न प्रकार के वेयर हाउस, कृषि उद्योग मूल्य संवर्द्धन सेवाएँ, ट्रक टर्मिनल सुविधा उपलब्ध होगी। इस हब से होशंगाबाद से लगभग 100 किलोमीटर की परिधि के कृषि उद्योग लाभांवित होंगे। यह देश में ‘फार्म टू पोर्ट इंटीग्रेशन’ की पहली परियोजना है। इससे करीब 3 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
प्रस्तुतीकरण में यह भी जानकारी दी गयी कि कृषि उपज मंडी मंदसौर में कलर सार्टेक्स एवं ग्रेडिंग प्लांट लगाया गया है। इसका संचालन 10 वर्ष के अनुबंध के आधार पर किया जायेगा। इससे कृषि उपज की छंटनी, निर्यात के मानदण्डों के आधार पर स्वचलित यंत्र से हो जाती है। मुख्यमंत्री ने इसे अन्य मंडियों में भी स्थापित करने के निर्देश दिये। मंडी के दिसम्बर में होने वाले चुनाव की पूरी तैयारियाँ कर ली गयी हैं।
बेड़िया में हॉर्टिकल्चर हब बनेगा
प्रत्येक मंडी में बड़े इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटे की व्यवस्था करने और नये उपार्जन केन्द्रों की स्थापना भी की जा रही है। इसके अलावा खरगोन जिले में बेड़िया उप मण्डी में मिर्च मंडी और हॉर्टिकल्चर हब स्थापित करने की कार्यवाही भी शुरू कर दी है। मंडी हम्माल तुलावटियों के लिये पेंशन और आवास योजना पर विचार किया जा रहा है। फिलहाल 54 कृषि उपज मंडी समितियों में मृदा परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना की गयी है। अन्य मंडियों में भी जल्दी ही प्रयोगशाला स्थापित की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कृषि योजनाओं पर चर्चा के दौरान आदिवासी बहुल क्षेत्रों में संकर मक्का का विस्तार करने के निर्देश दिये। किसानों को प्रशिक्षण देने और उनके अध्ययन भ्रमण आयोजन करने के संबंध में मुख्यमंत्री ने इजरायल और नीदरलैंड जैसे देशों में खेती के उन्नत तौर तरीकों से परिचित करवाने के लिये प्रदेश के किसानों को भेजने की योजना बनाने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने गौ-संवर्द्धन और गौ-शाला संचालन में समुदाय की भागीदारी बढ़ाने के लिये अभियान चलाने के निर्देश भी दिये हैं। बैठक में बताया गया कि गौ-अभ्यारण्य का भूमि पूजन 24 दिसम्बर को होगा।
बैठक में जल संसाधन मंत्री जयंत मलैया, खाद्य प्र-संस्करण मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, वन मंत्री सरताज सिंह, कृषि मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया, सहकारिता मंत्री गौरीशंकर बिसेन, ऊर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ल, कृषि राज्य मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह उपस्थित थे।
कृषि केबिनेट के महत्वपूर्ण निर्णय
- जिन इलाकों में मक्का बोया जाता है वहाँ किसानों को शंकर मक्का बोने के लिये प्रोत्साहित किया जायेगा।
- शत-प्रतिशत किसानों को स्वाईल हेल्थ-कार्ड जारी किया जायेगा।
- सभी संभागीय मुख्यालयों में खाद-बीज प्रयोगशाला स्थापित की जायेगी।
- राज्य-स्तरीय कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण केन्द्र का विस्तार किया जायेगा।
- प्रगतिशील किसानों को प्रशिक्षण तथा कृषि की नवीन तकनीक की जानकारी के लिये देश-विदेश भ्रमण पर भेजा जायेगा।