भोपाल, अक्‍टूबर 2013/ मध्यप्रदेश सोयाबीन, चना, दलहन और तिलहन के उत्पादन में देश में प्रथम है। आने वाले वर्ष में मध्यप्रदेश के गेहूँ उत्पादन में देश में प्रथम तीन प्रांत में रहने की संभावना है। प्रदेश में इस मानसून में 42 जिले में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है, जिसका लाभ उत्पादन वृद्धि में मिलेगा। सरसों उत्पादन में प्रदेश देश में द्वितीय स्थान पर है। इसके साथ ही चना उत्पादन में आने वाले समय में मध्यप्रदेश न सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व में सर्वाधिक उत्पादन वाला प्रांत बन सकता है। वल्लभ भवन में आयोजित कृषि संबंधी बैठक में यह जानकारी दी गई। बैठक की अध्यक्षता मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा ने की। उन्होंने कृषि योजनाओं के स्वरूप और क्रियान्वयन की जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त एम.एम. उपाध्याय भी उपस्थित थे।

बैठक में बताया गया कि मध्यप्रदेश ने न सिर्फ उत्तरप्रदेश और पंजाब के बाद सबसे अधिक गेहूँ उत्पादन करने वाले राज्य की पहचान बनाई है, बल्कि चना एवं बाजरा उत्पादन में भी राज्य तेजी से प्रगति कर रहा है। एआरआई पद्धति के प्रयोग और कृषकों को दिये गये मार्गदर्शन से धान उत्पादन का रकबा बढ़कर भी 42 लाख मीट्रिक टन के आगे पहुँच चुका है। प्रदेश में मक्का उत्पादन भी लगभग 30 लाख मीट्रिक टन होने वाला है। सिंचाई क्षमता में वृद्धि, किसानों को दी गई सुविधाओं और सुनियोजित प्रयासों से कृषि और उद्यानिकी क्षेत्र में विकास हुआ है।

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