भोपाल, दिसंबर 2012/ कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी (मंडी) निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में मंडी निर्वाचन में कोई भी फर्जी मतदाता मतदान नहीं कर सकेगा। फर्जी मतदान करने वाले के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी। मतदाता सही है अथवा नहीं इसकी पहचान के लिए पीठासीन अधिकारी अधिकृत और जवाबदेह है। प्रमाण के लिए प्रमाण मांगे जा सकेंगे। पहचान के लिए स्थानीय स्तर पर कोटवार, पटवारी, शिक्षक और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की सहायता ली जा सकती है।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि कृषक मतदाता के पास कृषक होने के नाते ऋण पुस्तिका या बी-1 रहती है। मतदान के समय उन्हें अपनी पहचान स्थापित करने के लिए इसको साथ लेकर आना चाहिए। इसके अलावा मतदाता की पहचान के लिए ऐसे दस्तावेज तय किए गए हैं जिनके माध्यम से मतदाता की स्थिति स्पष्ट की जा सकती है। इनमें भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदाय किया गया मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड, नीला राशन राशन कार्ड, बैक, किसान, डाकघर का पास बुक, शस्त्र लाइसेंस, फोटोयुक्त सम्पत्ति दस्तावेज जैसे पट्टा, रजिस्ट्रीकृत विलेख आदि, विकलांगता प्रमाण पत्र, निराश्रित प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, ड्रायविंग लायेंस, आयकर पहचान पत्र (पी.ए.एन.कार्ड), राज्य/केन्द्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम, स्थानीय निकाय या अन्य निजी औद्योगिक संस्थानों द्वारा उनके कर्मचारियों को जारी किये जाने वाले सेवा पहचान पत्र, छात्र पहचान पत्र, सक्षम प्राधिकारियों द्वारा जारी अ.जा./अ.ज.जा./ अन्य पिछड़ा वर्ग, अधिवासी प्रमाण पत्र, पेंशन दस्तावेज जैसे कि भूतपूर्व सैनिक, पेंशन अदायगी आदेश, भूतपूर्व सैनिक विधवा, आश्रित प्रमाण पत्र, रेल्वे पहचान पत्र और स्वतंत्रता सेनानी पहचान पत्र शामिल है।
इस संबंध में कृषक मतदाताओं से आग्रह किया गया है कि वह फर्जी मतदान रोकने में सहयोग करें और पीठासीन अधिकारी द्वारा पहचान कायम करने के लिए दस्तावेज चाहे जाने पर प्रस्तुत करें।