भ्रष्टाचारी लोक सेवक की राजसात संपत्ति में आँगनवाड़ी केन्द्र बनेंगे या उनका पाठशाला के रूप में उपयोग किया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इंदौर की विशेष न्यायालय द्वारा आज दिये गये निर्णय के संदर्भ में इस आशय की घोषणा मध्यप्रदेश उत्सव समारोह में की। उन्होंने कहा कि सभी लोक सेवक पूरी मेहनत, लगन से प्रदेश के नवनिर्माण में जुटें। भ्रष्ट लोकसेवकों को नहीं छोड़ा जायेगा। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के मामलों में शीघ्रता से निर्णय लेने के लिये विशेष अदालत अधिनियम बनाया गया है। इसके अन्तर्गत भ्रष्ट लोक सेवकों के विरूद्ध कड़ी और शीघ्र कार्रवाई का प्रावधान हैं।
भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिये मध्यप्रदेश शासन द्वारा लागू किये गये मध्यप्रदेश विशेष न्यायालय अधिनियम 2011 के तहत आज इन्दौर स्थित विशेष न्यायालय द्वारा भ्रष्ट लोकसेवक की लगभग सात करोड़ रूपये की सम्पत्ति राजसात करने का आदेश दिया गया। इस अधिनियम के तहत सम्पत्ति राजसात करने का यह पहला निर्णय है।
इस प्रकरण में ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा पिछले वर्ष 18 दिसम्बर को आर.टी.ओ. क्लर्क के पास अनुपातहीन सम्पत्ति की सूचना पर छापे की कार्रवाई की गयी। इसमें क्लर्क के कब्जे से इंदौर जिले में फार्म हाउस, साढ़े पाँच हेक्टर से अधिक कृषि भूमि, अलग-अलग स्थानों में आलीशान मकान, प्लॉट, अनेक चार पहिया तथा दो पहिया वाहन और सोने-चांदी के आभूषण आदि बरामद किये गये थे।