भोपाल, मई 2015/ सिटी ऑफ लेक के रूप में प्रसिद्ध भोपाल को अब सिटी ऑफ फ्लावर भी बनाया जायेगा। उद्यानिकी के क्षेत्र में गतिविधियों को विस्तारित कर उसे किसानों के लिये अतिरिक्त आय से जोड़ा जायेगा। यह जानकारी कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के प्रमुख सचिव प्रवीर कृष्ण ने स्टेट हॉर्टिकल्चर मिशन के विस्तार के लिये हुई कार्यशाला में दी। दो-दिवसीय कार्यशाला में संभाग और जिलों के उद्यानिकी से संबंधित लगभग 250 अधिकारी ने भाग लिया।
श्री प्रवीर कृष्ण ने बताया कि मध्यप्रदेश की 300 फार्म/नर्सरी का उपयोग प्रशिक्षण-सह-मॉडल सेंटर के लिये किया जायेगा। इन सभी नर्सरी को बेहतर तरीके से विकसित किया जायेगा। उद्यानिकी के क्षेत्र में उत्पादन, उत्पादकता एवं परिणाम प्राप्ति के लिये वर्तमान में चल रही योजनाओं में तीन गुना वृद्धि होगी। प्रदेश में उद्यानिकी के विकास के लिये राज्य, भारत शासन एवं वर्ल्ड बेंक की सहायता से 1000 करोड़ की परियोजना तैयार होगी। उद्यानिकी विभाग का कम्प्यूटरीकरण एवं डिजिटाइजेशन करवाया जायेगा। किसानों को दृष्टिगत रखते हुए सूचना, शिक्षा एवं संचार इकाई को सक्रिय कर पूरे राज्य में विस्तारित किया जायेगा। इसके लिये राज्य को 10-10 क्लस्टर में विभाजित कर योजनाओं को अमली-जामा पहनाया जायेगा।
श्री प्रवीर कृष्ण ने कहा कि उद्यानिकी के विकास के लिये हर जिले एवं ब्लॉक में विशेष कार्यक्रम बनेंगे। किसानों के लिये भण्डारण एवं मार्केटिंग की व्यवस्था अंतर्राष्ट्रीय-स्तर की होगी। खाद्य प्र-संस्करण की दृष्टि से राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय-स्तर पर समन्वय के लिये खाद्य प्र-संस्करण के 4 हब बनाने की कार्य-योजना तैयार की जा रही है। उन्होंने बताया कि किसानों को खेती से होने वाली आय को उद्यानिकी से जोड़कर उसमें दोगुनी वृद्धि की योजना पर भी अमल किया जायेगा। उद्यानिकी के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने का प्रस्ताव शीघ्र ही राज्य शासन को प्रस्तुत किया जायेगा। कार्यशाला में अधिकारियों ने अपने-अपने जिलों की स्थानीय स्तर की योजना के प्रस्ताव रखे।
ग्रामोद्योग की समीक्षा
श्री प्रवीर कृष्ण ने ग्रामोद्योग विभाग की बैठक में योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि राज्य एवं केन्द्र शासन तथा वर्ल्ड बेंक के समन्वय से विभागीय गतिविधियों में वृद्धि की जायेगी। ग्रामोद्योग संबंधी योजनाओं के क्रियान्वयन से मिलने वाले परिणाम में 10 गुना वृद्धि हो, इसके लिये प्रस्तावों पर क्रियान्वयन अगले हफ्ते शुरू हो जायेगा। उन्होने अधिकारियों को पूरी ईमानदारी एवं मेहनत से योजनाओं का क्रियान्वयन करवाने को कहा। ग्रामोद्योग की योजनाओं को रोजगारोन्मुखी बनाने के साथ ही मार्केटिंग की संभावनाओं को गति देने के निर्देश भी दिये।