भोपाल, दिसम्बर 2014/ संगीत सम्राट तानसेन की स्मृति में चार-दिवसीय संगीत समारोह का समापन जन्म-स्थली बेहट में संगीत विद्यापीठ के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत वंदना से हुआ। सभा में देश की उभरती गायिका सुश्री अश्विनी मोरघोड़े ने शास्त्रीय संगीत पेश किया। उनकी गायकी ने श्रोताओं को ग्वालियर घराने की गायकी की विशिष्टताओं से रू-ब-रू करवाया। तबले पर श्री पांडुरंग तैलंग एवं हार्मोनियम पर श्री बंसोड़ ने संगत की। इसके पश्चात सुप्रसिद्ध तबला वादक श्री अरुण धर्माधिकारी एवं ग्वालियर के जाने-माने पखावज वादक श्री जगत नारायण शर्मा की तबला-पखावज की जुगलबंदी प्रस्तुत की गई।

भातखण्डे संगीत महाविद्यालय जबलपुर के प्राचार्य श्री विलास मंडपे ने राग ‘मदमात सारंग” में ‘तेरो रूप निहार” प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया।

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