भोपाल। मध्यप्रदेश में स्वाइन फ्लू से होने वाली मौतों में लगातार इजाफा हो रहा है। बीमारी का प्रकोप बढ़ते देख सरकार ने संबंधित विभागों को कारगर रणनीति बनाने और सभी आवश्यक उपाय करने को कहा है। डॉक्टरों ने सर्दी, जुकाम और खाँसी के गंभीर रोगियों को आवश्यक चिकित्सकीय परामर्श प्राप्त करने और जरुरत होने पर जाँच करवाने की सलाह दी है। सभी स्वास्थ्य केद्रों पर आवश्यक दवाइयाँ मुहैया करवाई गई हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वाइन फ्लू नियंत्रण के लिए प्रत्येक स्तर पर ध्यान दिया जा रहा है। इसके साथ ही यह भी सलाह दी गई है कि केवल आशंका के आधार पर स्वाइन फ्लू का टीका न लगवाया जाए, ऐसा करना हानिकारक भी हो सकता है।
प्रदेश में गत सात माह में स्वाइन फ्लू से कुल 19 असामयिक मृत्यु हो चुकी हैं। जाँच में अब तक 579 में से 103 प्रकरण पॉजीटिव पाए गए। सभी जिलों में स्वाइन फ्लू रोग की जाँच, उपचार और रोकथाम के प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं।
इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विदेश यात्रा पर रवाना होने से पहले स्वाइन फ्लू को लेकर हुई उच्च स्तरीय बैठक में कहा है कि स्वाइन फ्लू को रोकने की कारगर रणनीति बनायें। रोग से निपटने की कोशिशों में कोई कमी नहीं रहे। उन्होंने स्वाइन फ्लू की रोकथाम और उपचार संबंधी स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये जा रहे उपायों और प्रबंधों की जानकारी ली। बैठक में मुख्य सचिव श्री आर.परशुराम भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम स्तर तक लोगों को स्वाइन फ्लू से बचाव के उपायों के बारे में जागरूक करें। रोग के संबंध में शासकीय चिकित्सकों के साथ निजी चिकित्सकों को जागरूक करें। सभी अस्पतालों में पर्याप्त दवाइयों की उपलब्धता तथा उपचार की व्यवस्था की जानकारी दी जाये। उन्होंने कहा कि स्वाइन फ्लू के परीक्षण के लिये गये सेम्पल के परिणाम समय-सीमा में प्राप्त किये जायें। यदि आवश्यकता हो तो परीक्षण के लिये और केन्द्र बनाने की कार्रवाई करें। अभी ग्वालियर और जबलपुर में परीक्षण केन्द्र हैं। उन्होंने कहा कि सभी कलेक्टर को भी इस बारे में निर्देश दिये जाये कि अपने-अपने जिले में सजग रह कर समन्वय करें।
मुख्य सचिव आर. परशुराम ने बताया कि सभी जिलों में कलेक्टर निजी चिकित्सकों की बैठक लेकर उन्हें जागरूक कर रहे हैं। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री प्रवीर कृष्ण ने बताया कि सभी विकासखंड में स्वाइन फ्लू के इलाज के लिये पर्याप्त मात्रा में दवाइयाँ उपलब्ध हैं। सभी जिला चिकित्सालय, मेडिकल कॉलेज तथा चालीस निजी चिकित्सालय में आईसोलेशन वार्ड बनाये गये हैं। कलेक्टर और कमिश्नर द्वारा साप्ताहिक समीक्षा की जा रही है। लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि सर्दी-खाँसी होने पर लापरवाही न बरतें, तुरंत नजदीक के शासकीय अस्पताल में जाकर उपचार करवायें।
बैठक में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा अजय तिर्की, मुख्यमंत्री के सचिव विवेक अग्रवाल सहित स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।