भोपाल, नवंबर 2012/ मुख्य सचिव आर. परशुराम ने मंत्रालय में बुन्देलखण्ड पैकेज के अंतर्गत छह जिलों में संचालित विकास और निर्माण कार्यों की विभागवार और जिलावार समीक्षा की। वार्षिक लक्ष्य के अंतर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा लगभग 85 प्रतिशत कार्य पूरे कर लिये गये हैं। इसके साथ ही ग्रामीण विकास, कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, वन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा भी तेजी से कार्यों को पूरा किया जा रहा है। पैकेज के तहत इस वर्ष औसतन दो तिहाई लक्ष्य हासिल कर लिया गया है।
मुख्य सचिव ने सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना और दतिया जिलों में क्रियान्वित बुन्देलखण्ड पैकेज के विभिन्न कार्यों की विस्तार से जानकारी प्राप्त की। उन्होंने पूर्ण कार्यों के लिये संबंधित विभागों विशेषकर जल संसाधन की सराहना करते हुए शेष कार्यों को जल्द पूर्ण करने को कहा। मुख्य सचिव ने सभी कार्यों में पूर्व की तरह गुणवत्ता के पालन, केन्द्र सरकार से प्राप्त की जाने वाली शेष राशि और विभाग प्रमुखों द्वारा कार्यों की नियमित समीक्षा के निर्देश दिये।
जल संसाधन
बैठक में बताया गया कि जल संसाधन विभाग द्वारा पैकेज के तहत कुल 2 लाख 16 हजार 111 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधाएँ बढ़ाई जा रही हैं। इन कार्यों पर 6 अरब 41 करोड़ 25 लाख की राशि व्यय की जा चुकी है। विभाग द्वारा जो कार्य सम्पन्न किये गये हैं उनमें कमाण्ड क्षेत्र विकास, उद्वहन सिंचाई योजना में सुधार, लघु सिंचाई और नहर क्षमता में वृद्धि, बरियारपुर नहर वृहद परियोजना के कार्य शामिल हैं।
पशुपालन
पशुपालन एवं डेयरी विकास गतिविधियों के अंतर्गत 20 करोड़ 06 लाख की राशि व्यय की गई है। सागर में दुग्ध संयंत्र सफलतापूर्वक कार्य कर रहा है। फॉडर बैंक एवं गोट फार्म भी विकसित किये गये। इन कार्यों पर निरंतर ध्यान दिया जा रहा है। मुख्य सचिव ने दुग्ध सहकारी समितियों को सशक्त बनाते हुए उनकी गतिविधियों में तेजी लाने के निर्देश दिये। कुल 544 दुग्ध सहकारी समिति पैकेज के अंतर्गत गठित की जा चुकी हैं।
कृषि
बुन्देलखण्ड पैकेज के अंतर्गत 67 स्थान पर कृषि विकास गतिविधियाँ संचालित हैं। सिंचाई क्षेत्र में वृद्धि के फलस्वरूप कृषि क्षेत्र भी लाभान्वित हो रहा है। मुख्य सचिव द्वारा किसानों को इन गतिविधियों से और अधिक लाभान्वित करने के लिये कहा गया।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा भी तीन चौथाई लक्ष्य की प्राप्ति की गई है। विभाग छह जिलों में 805 स्थान पर पाइप लाइन से जल प्रदाय की सुविधा विकसित की गई है। क्षेत्र में 575 नये जल स्रोत विकसित करते हुए 870 पम्प हाऊस निर्मित किये गये हैं। पेयजल सुविधा बढ़ाने के 1287 कार्य पूरे हुए हैं। मुख्य सचिव ने प्रारंभ पेयजल स्रोतों को सेनीटेशन से जोड़ने के निर्देश दिये।
वेयर हाउस निर्माण
बुन्देलखण्ड पैकेज के छह जिलों में 64 स्थान पर भण्डारण सुविधा बढ़ाई जा रही है। कुल 6 लाख 40 हजार 450 मीट्रिक टन क्षमता के गोदाम बन रहे हैं।
ग्रामीण विकास
मुख्य सचिव को जानकारी दी गई कि पैकेज के अंतर्गत 145 स्टाप डेम बनाये जा चुके हैं। छह जिलों में 1619 खेत तालाब, 32 हजार 883 डग वेल निर्माण के साथ 22 हजार 194 पम्प सेट किसानों को प्रदाय किये जा चुके हैं। तीन हजार से अधिक डग वेल रेनोवेशन और रिचार्जिंग के कार्य हुए हैं।
समीक्षा के दौरान वन विभाग द्वारा पैकेज के अंतर्गत संचालित की जा रही गतिविधियों की भी जानकारी दी गयी। मुख्य सचिव ने विभागीय गतिविधियों को और अधिक सघन करने को कहा।
बैठक में बताया गया कि बुन्देलखण्ड पैकेज के अंतर्गत इस वित्तीय वर्ष में अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता के रूप में मंजूर 1953.20 करोड़ के मुकाबले 1425.64 करोड़ की राशि प्राप्त हुई है। इसमें से 906.07 करोड़ की राशि व्यय की जा चुकी है। प्रदेश में बुन्देलखण्ड पैकेज के क्रियान्वयन का यह तीसरा वर्ष है।
मुख्य सचिव ने कहा कि शेष कार्यों को तेजी से पूरा किया जाये और किसी भी दशा में लक्ष्य से कम उपलब्धि की स्थिति न बनने दी जाये। उन्होंने कहा कि कार्यों की पूर्णता से जिलों में सामाजिक-आर्थिक विकास को नया आयाम प्राप्त होगा। राज्य सरकार द्वारा बुन्देलखण्ड पैकेज के कार्यों को पूरी प्राथमिकता से संपन्न किया जा रहा है। संबंधित विभागों के कार्यों की अगले माह भी समीक्षा की जायेगी।
बैठक में अपर मुख्य सचिव खाद्य अंटोनी जे.सी. डिसा, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती अरुणा शर्मा, अपर मुख्य सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त एम.एम. उपाध्याय, प्रमुख सचिव जल संसाधन आर.एस. जुलानिया, प्रमुख सचिव कृषि आर.के. स्वाई, प्रमुख सचिव सहकारिता देवराज बिरदी उपस्थित थे। प्रारंभ में योजना सचिव सुधिरंजन मोहंती ने विभागों द्वारा भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये किये गये कार्यों की जानकारी दी।