भोपाल, दिसम्बर 2014/ मौसमी और संक्रामक रोगों की रोकथाम और आगामी महीनों में बरती जाने वाली सावधानियों के संबंध में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य प्रवीर कृष्ण ने बैठक में समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि अफ्रीका में इबोला वायरस बीमारी के आउटब्रेक्स रिपोर्ट किए जाने के बाद पूरे देश में आवश्यक ऐहतियात बरती जा रही है। हालांकि देश में एक भी प्रकरण इस रोग का नहीं पाया गया है फिर भी सावधानी के तौर पर भारत सरकार द्वारा सभी राज्यों पर निगाह रखी जा रही है। आगामी वर्ष मलेरिया और डेंगू के प्रकरण न बढ़ें इसके लिए नगर निगम के सहयोग से कूलरों की जालियाँ निकलवाने और उन्हें जलवा देने का अभियान चलाया जाएगा। इसके साथ ही जमा पानी को हटाने और सुखाने की कार्यवाही भी व्यापक स्तर पर की जाएगी।
आगामी वर्ष की कार्ययोजना 17 दिसंबर को एक कार्यशाला होगी। कार्यशाला में इबोला वायरस के संबंध में भी आवश्यक सावधानियाँ बरते जाने के लिए विशेषज्ञों द्वारा जानकारियाँ दी जाएंगी। सामान्य जनता में इबोला के संबंध में भय व्याप्त न हो, इस उद्देश्य से जागरूकता के लिए सुरक्षात्मक उपायों की जानकारी भी दी जाएगी।
बैठक में गत तीन माह में भोपाल सहित प्रदेश के कुछ अन्य स्थान पर मलेरिया और डेंगू रोगों के नियंत्रण के किये गये प्रयासों पर भी चर्चा हुई। प्रमुख सचिव ने भोपाल में इन रोगों से बचाव के लिए निरंतर संचालित किए गए जागरूकता अभियान में संलग्न शासकीय सेवक की प्रशंसा की। प्रमुख सचिव ने कहा कि लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, नगर निगम भोपाल और अन्य विभाग के लगभग 4000 शासकीय सेवक निष्ठापूर्वक मलेरिया, डेंगू आदि के उपचार के साथ-साथ लोगों को रोगों से बचाव के लिए मार्गदर्शन देते रहे हैं। इन प्रयास को सफलता भी मिली।
श्री प्रवीर कृष्ण ने प्रदेश में स्वाइन फ्लू के उपचार के लिए की गई व्यवस्थाओं की भी समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि संभागीय मुख्यालयों पर विशेष रूप से पर्याप्त मास्क, औषधियाँ और दक्ष स्टाफ की व्यवस्था है। सभी जिला चिकित्सालय में प्रात: आठ से शाम आठ तक ओपीडी में नि:शुल्क उपचार और परामर्श दिया जा रहा है। नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि सर्दी, खाँसी, गले में दर्द, छाती में दर्द और एक – दो दिन के बुखार की स्थिति में तत्काल नजदीकी शासकीय चिकित्सालय पहुँचकर उपचार करवाये। स्वाइन फ्लू के लक्षण देखकर चिकित्सक की सलाह पर दी गई दवा ही लें। जिलों में एडवांस लाइफ सपोर्ट व्हीकल भी उपलब्ध हैं। इनका उपयोग कर बिना विलंब के अस्पताल पहुँचा जा सकता है।