भोपाल, सितम्बर 2014/ मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने फीडर सेपरेशन की प्रति सप्ताह समीक्षा करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि किसानों, घरेलू उपभोक्ताओं और उद्योगों को निर्धारित बिजली देने के लिये क्षमता तथा कौशल बढ़ायें, प्रबंधन में अपेक्षित सुधार लायें तथा संसाधनों का बेहतर उपयोग करें। श्री चौहान ने आने वाले त्यौहारों के अवसर पर विद्युत आपूर्ति पर विशेष ध्यान देने तथा सतत सप्लाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री यहाँ ऊर्जा विभाग की समीक्षा कर रहे थे। ऊर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ल, मुख्य सचिव अंटोनी डिसा भी बैठक में मौजूद थे। बैठक में निर्देश दिये गये कि बड़े बकायादारों तथा प्रभावशाली व्यक्तियों से वसूली अभियान चलाया जाय। छोटे बकायादारों को भी लम्बित भुगतान के लिये प्रेरित किया जाय। बैठक में इस पर भी सैद्धांतिक सहमति हुई कि बन्दूकों के लायसेंस, माइनिंग लीज आदि का नवीनीकरण बिजली का नो-ड्यूस प्रस्तुत करने पर ही किया जाय।
श्री चौहान ने फीडर सेपरेशन की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि जहाँ कार्य ठीक तरह से नहीं हुआ उसकी गहराई से जाँच की जाय। लापरवाही पर संबंधित की जिम्मेदारी तय की जाय। फीडर सेपरेशन के बारे में बताया गया कि विद्युत वितरण कम्पनी पश्चिम क्षेत्र द्वारा अगले चार-पाँच माह में यह कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा। पूर्व क्षेत्र और मध्य क्षेत्र अगले वर्ष सितम्बर- अक्टूबर तक फीडर सेपरेशन का कार्य कर लेगा। समीक्षा में पाया गया कि सर्वाधिक राजस्व हानि श्योपुरकला, पन्ना, भिण्ड जिलों में तथा सबसे कम हानि झाबुआ, अलीराजपुर, देवास, सिवनी, होशंगाबाद तथा धार जिलों में हुई।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली चोरी रोकने के गंभीर प्रयास जरूरी हैं। इस कार्य में ग्राम स्तरीय अधिकारियों से लेकर जिले में कलेक्टर तथा संभाग में कमिश्नर को दायित्व सौंपना होंगे। बैठक में बताया गया कि कम वर्षा से विद्युत की कृषि और घरेलू को मिलाकर औसतन 20-25 प्रतिशत मांग बढ़ी है। अभी खरीफ में धान के लिये 35 से 50 प्रतिशत मांग की वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि खरीफ के लिये किसानों को आवश्यक रूप से पर्याप्त बिजली दी जाय।