भोपाल, अगस्त 2014/ मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सिंधिया स्कूल की घटना पर संज्ञान लिया है। घटना की वस्तु-स्थिति जानने के लिये स्कूल को पत्र लिखा जा रहा है। आयोग की अध्यक्ष ऊषा चतुर्वेदी की अध्यक्षता में विशेष बेंच में आये ग्यारह प्रकरण की सुनवाई की गई। इस अवसर पर आयोग के सदस्य विभांशु जोशी भी उपस्थित थे।
मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने अपने भ्रमण के दौरान मुरैना जिले के आदर्श आश्रम अनुसूचित-जाति कन्या छात्रावास में कई अनियमितताएँ पायी थीं। साथ ही आयोग को यह भी ज्ञात हुआ कि अधीक्षिका छात्रावास में रात्रि में मौजूद नहीं रहती। इस प्रकरण में पेशी पर आई अधीक्षिका ने शपथ-पत्र देकर रात्रि में स्वयं के छात्रावास में मौजूद रहने की जानकारी दी। इसके साथ ही अधीक्षिका ने आयोग को यह भी जानकारी दी कि छात्राओं की जरूरत की सामग्री के लिये अब पूरी राशि उनके खाते में डाली जा रही है। मुरैना जिले के इस छात्रावास में 100 बलिका निवासरत हैं। मुरैना जिले के ही इम्मान्युअल मिशन स्कूल के विरुद्ध गरीब अभिभावक अनिल पुत्र मलखान गोस्वामी ने अपने बच्चों को शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत पढ़ाने से इंकार करने की शिकायत की। आयोग ने शिक्षा विभाग की खण्ड इकाई बी.आर.सी. से वस्तु-स्थिति की जानकारी दी और उनके विरुद्ध कार्यवाही करने की चेतावनी दी। आयोग की कार्यवाही के उपरांत स्कूल प्रबंधन ने बच्चों को नि:शुल्क पढ़ाने की बात मान ली। भोपाल के श्री सुनील चौहान ने कार्मल कान्वेंट सीनियर सेकेण्डरी स्कूल रतनपुर में बच्चे का एडमिशन नहीं करने संबंधी शिकायत की। आयोग द्वारा नोटिस देने के पश्चात कार्मल कान्वेंट स्कूल द्वारा बच्चे का एडमिशन स्कूल में करने की जानकारी दी।
आयोग की अध्यक्ष श्रीमती ऊषा चतुर्वेदी ने कहा कि सिंधिया स्कूल के छात्र आदर्श सिंह से संबंधित घटना के विषय में स्कूल प्रबंधन से सम्पूर्ण जानकारी माँगी जा रही है।
भोपाल के पवन अग्रवाल के विरुद्ध उनकी पत्नी द्वारा की गई शिकायत में बच्चों को स्कूल न भेजने और उनकी पढ़ाई का खर्च आदि न देने के प्रकरण पर आयोग द्वारा लिये गये संज्ञान में बच्चों की पढ़ाई एवं खर्च आदि की व्यवस्था करने के निर्देश श्री अग्रवाल को दिये हैं।