बालाघाट और सिंगरौली में स्कीम फॉर स्पेशल इन्फ्रास्ट्रक्चर में एक अरब रूपये की जरूरत है। गृह एवं जेल मंत्री श्री बाबूलाल गौर ने
दिल्ली में केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह से भेंटकर राशि उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव दिया। एसआईएस योजना में प्रस्तावित कार्यों
में सौ करोड़ रूपये की जरूरत है, जिनमें नवीन सड़क कार्य निर्माण, मोबाइल टावरों की स्थापना, नवीन चौकियों की स्थापना एवं
अपग्रेडेशन शामिल है। इससे सुरक्षा बलों के आवागमन और सुगम संचार व्यवस्था रहेगी।
श्री गौर ने कहा कि पूर्व में यह जिले नक्सल प्रभावित जिले थे और इन्हें केन्द्र से मदद मिलती थी। इन जिलों में आधारभूत बुनियादी
इन्फ्रास्ट्राक्चर का निर्माण किया जाना है, जिसमें सड़क और अन्य कार्य शामिल हैं, जिसके लिए सौ करोड़ की जरूरत है।
श्री गौर ने कहा कि बालाघाट और सिंगरौली पड़ोसी राज्यों के नक्सल प्रभावित क्षेत्र से जुड़े हैं और यहाँ पर नक्सलियों की आवागमन
संबंधी सूचनाएँ भी मिलती हैं। ऐसे में इन जिलों के लिये भारत सरकार से 2 भारत रक्षित वाहिनी के गठन का अनुरोध किया गया था।
इनमें से जिला बालाघाट के लिये एक अतिरिक्त भारत रक्षित वाहिनी की स्वीकृति वर्ष 2014 में दी गई थी। इसका गठन किया जा रहा है।
इस संबंध में अनुरोध है कि सिंगरौली के लिये भी एक और भारत रक्षित वाहिनी के गठन स्वीकृति दी जाये।
श्री गौर ने प्रदेश में केन्द्रीय सुरक्षा बल की तैनाती पर होने वाले संपूर्ण व्यय को भारत सरकार द्वारा किये जाने का अनुरोध किया। प्रदेश
में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में वर्ष 2007 से सीआरपीएफ की तैनाती पर राज्य से 226 करोड़ रूपये की माँग प्रस्तावित है। उन्होंने कहा िक
इसे अपलेखित किया जाकर भविष्य में भी नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सीआरपीएफ की तैनाती पर होने वाले व्यय से राज्य को मुक्त रखा
जाये। श्री गौर ने छत्तीसगढ़ और झारखण्ड राज्य के प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में नक्सल समस्या को देखते हुए एसआईएस योजना जारी
रखने का आग्रह किया।