भोपाल, मार्च 2015/ स्कूल संचालकों, पाठ्य पुस्तक , कापी किताबों के प्रकाशकों एवं विक्रेताओं की एकाधिकार प्रवृति को समाप्त करने के उद्देश्य से प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया है। जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी आदेशानुसार स्कूल संचालक स्कूल में संचालित प्रत्येक कक्षा के लिए अनिवार्य पुस्तकों की सूची अपने स्कूल की बेवसाईट पर अनिवार्य रूप से अपलोड करेगें एंव स्कूल परिसर में चस्पा करेगें। जिन स्कूलों की अपनी कोई बेवसाईट नही है, वे पुस्तकों की सूची स्कूल परिसर में चस्पा करते हुए उसकी एक प्रति प्रवेशित छात्र-छात्रा के अभिभावकों को उपलब्ध करायेगें।

स्कूल संचालक विधार्थी एवं उनके अभिभावकों को उपरोक्तानुसार सूचीबद्ध पुस्तकें 15 जून 2015 या उससे पूर्व क्रय करने के लिए बाध्य नही कर सकेंगें। अभिभावक पुस्तकों की उपलब्धता के आधार पर उन्हें 15 जून 2015 तक क्रय कर सकेगें। ऐसी स्थिति में माह अप्रेल से प्रारम्भ होने वाले शैक्षणिक सत्र में प्रथम 30 दिवस (एक अप्रेल से 30 अप्रेल 2015 तक ) का उपयोग विधार्थियों के नई कक्षा के लिए शिक्षक, संस्था के पास उपलब्ध सेम्पल किताबों के आधार पर शिक्षण कार्य किया जाएगा।

स्कूल संचालक जिस नियामक संस्था यथा माध्यमिक शिक्षा मण्डल केन्द्रीय शिक्षा बोर्ड सी.बी.एस.ई.,सी.आइ.र्एस.सी.ई.आदि से संबंद्ध है, उस संस्था के द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम एवं से पाठ्यक्रम के अन्तर्गत नियामक संस्था अथवा उसके द्वारा विधिक रूप से अधिकृत एजेंसी (यथा एन.सी.ई.आर.टी., म.प्र.पाठ्यपुस्तक निगम आदि) द्वारा प्रकाशित एवं मुद्रित पुस्तकों के अतिरिक्त अन्य प्रकाशकों, मुद्रकों द्वारा प्रकाशित की जाने वाली पुस्तकों को विद्यालय में अध्यापन के लिए प्रयुक्त किया जाना प्रतिबंधित रहेगा। यह प्रतिबंध केवल कक्षा 09 से 12 तक के लिए लागू होगा।

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