भोपाल, अक्टूबर 2014/ कुशल, प्रतिभाशाली बाँस शिल्पियों की खोज और उनकी योग्यतानुसार उन्हें देश-विदेश में बाजार उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश राज्य बाँस मिशन द्वारा बाँस शिल्प प्रतियोगिता की जा रही है। प्रतियोगिता के माध्यम से बाँस शिल्पियों को अपने ज्ञान और कौशल प्रदर्शन का मौका मिलेगा, जिनके आधार पर उन्हें वर्गीकृत किया जा सकेगा। प्रतियोगिता तीन श्रेणी- बाँस हस्तशिल्प, बाँस आधारित उपयोगी वस्तुएँ और बाँस के फर्नीचर में होगी।

प्रतियोगिता से न केवल सर्वोत्कृष्ट बाँस शिल्पियों का चयन होगा, बल्कि बाँस आधारित सामाजिक, आर्थिक बदलाव के िलये योजनाएँ बनाने में भी मदद मिलेगी। प्राचीन परम्पराओं एवं आधुनिक तकनीक का समावेश करते हुए उपयोगी एवं आकर्षक उत्कृष्ट उत्पाद बनाने वाले बाँस शिल्पियों को नामी-गिरामी कम्पनियों से जोड़ने के प्रयास किये जायेंगे। दो चरण में होने वाली प्रतियोगिता का प्रथम चरण गत 7 अक्टूबर को प्रदेश के 63 वन-मण्डल में सम्पन्न हो चुका है। प्रथम पुरस्कार प्राप्त विजेता बाँस शिल्पी भोपाल में 11 अक्टूबर से राज्य-स्तरीय प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं।

राज्य-स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बाँस शिल्पियों के लिये 14 से 17 अक्टूबर तक बाँस उत्पादन शिविर भी लगाया जायेगा। कार्यक्रम का समापन 18 अक्टूबर, 2014 को होगा। इसमें पुरस्कार वितरण के साथ बाँस विशेषज्ञ, क्रेता-विक्रेता भी भाग लेंगे। राज्य बाँस मिशन द्वारा गठित निर्णायक समिति द्वारा विजेता का चयन किया जायेगा। राज्य-स्तरीय प्रतियोगिता में तीन श्रेणी में 3 पुरस्कार और प्रत्येक वन-मण्डल में कुल 9 पुरस्कार दिये जायेंगे। प्रथम पुरस्कार पाने वाले बाँस शिल्पी का 10 हजार और प्रमाण-पत्र के साथ ही बाँस मित्र पुरस्कार-2015 के लिये नामांकन होगा। द्वितीय और तृतीय पुरस्कार में क्रमश: 7000 और 4000 रुपये और प्रमाण-पत्र दिया जायेगा।

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