भोपाल, जून 2015/ परिवहन मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा है कि अब बस के परमिट जारी करने की प्रक्रिया को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के दायरे में लाया जायेगा। इसके अनुसार जिला परिवहन अधिकारियों को बस के अस्थायी परमिट के आवेदन का निराकरण 15 दिन तथा स्थायी परमिट के आवेदन का निराकरण 30 दिन में अनिवार्य रूप से करना होगा। विभाग द्वारा जारी नई गाइडलाइन के अनुसार अब 50 सीटर बस को 75 किलोमीटर से अधिक दूरी का परमिट दिया जायेगा।
श्री सिंह ने कहा कि यह कदम प्रदेश में लोक परिवहन सेवा को सुगम एवं सुरक्षित बनाने के प्रयासों का हिस्सा है। राज्य सरकार यात्रियों की सुरक्षा से किसी प्रकार का समझौता नहीं करेगी।
परिवहन मंत्री ने जानकारी दी है कि विभिन्न मार्ग (रूट) पर यात्रियों की संख्या के आधार पर बस संचालन की पहल की गई है। श्री सिंह ने जानकारी दी कि बीच-बीच में बस संचालकों द्वारा कुछ व्यावहारिक समस्याएँ रखे जाने पर उन्हें बसों में दो गेट (दरवाजे) लगाने के लिये एक माह का अतिरिक्त समय (30 जून 2015 तक) दिया गया है। बस संचालकों को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि उन्हें 30 जून तक अपनी बसों में दो दरवाजे एवं एक आपातकालीन द्वार की व्यवस्था अनिवार्य रूप से करनी होगी।
परिवहन मंत्री ने बताया कि बस के पीछे के काँच पर कोई जाली नहीं लगेगी। बसों की नियमित जाँच के लिये जिला परिवहन अधिकारी को सप्ताह में कम से कम 4 दिन मैदानी निरीक्षण करना जरूरी किया गया है।
मंत्री ने बतलाया कि 5 से 31 मई 2015 की अवधि में विभागीय अमले ने पूरे प्रदेश में तथा उन्होंने स्वयं 6 जिले में मैदानी निरीक्षण के दौरान बसों की औचक जाँच की। निर्धारित मापदंडों को पूरा न करने वाली बसों के विरुद्ध कार्रवाई की गई। इस अवधि में 1084 बस की फिटनेस निरस्त की गई। बिना परमिट संचालित 82 बस तथा ओवर लोडेड 241 बस के चालान किये गये। साथ ही 5714 बस के पीछे के काँच के ऊपर लगी जालियाँ हटवाई गई।