भोपाल, दिसम्बर 2014/ बाल-श्रम पर अंकुश लगाने के लिये सहायक श्रमायुक्त के नेतृत्व में श्रम विभाग के अमले ने कल होशंगाबाद रोड स्थित होटल, मेरिज गार्डन और अन्य कार्यों में संलग्न बच्चों के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिये सघन जाँच अभियान चलाया। अभियान के दौरान एक डी.जे. के साथ लाइट उठाने के कार्य में बच्चे का दुरुपयोग करने का मामला पाये जाने पर प्रकरण दर्ज कर वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। कल रात 11 बजे तक चली इस कार्यवाही में सघन जाँच के साथ नियोजकों को समझाइश भी दी गई।
विवाह एवं अन्य उत्सव के दौरान मेरिज-हॉल तथा बाजे वालों के साथ बच्चों को नियोजित करना वैधानिक रूप से निषिद्ध है। श्रम विभाग ने सभी शादी हॉल, होटल तथा बेण्ड एवं लाइट वालों से अपील की है कि वे किसी भी स्थिति में बच्चों को इस कार्य में न लगायें। बाल श्रम अधिनियम-1986 के अंतर्गत इस अपराध के लिये एक वर्ष तक की सजा तथा 20 हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।
श्रम विभाग ने जनता से अपील की है कि जहाँ भी बाल श्रमिक कार्यरत पाये जायें, उन संस्थाओं का बहिष्कार करें तथा तुरंत नजदीकी थाने, श्रम कार्यालय या फोन नम्बर 1098 पर चाइल्ड लाइन को सूचित करें।
उल्लेखनीय है कि श्रम विभाग द्वारा बाल श्रम पर प्रभावी अंकुश के लिये जागरूकता कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। इसमें पोस्टर, रोड-शो, नुक्कड़ नाटकों के मंचन आदि के माध्यम से बाल श्रम एवं बच्चों के अधिकारों तथा बाल श्रम अधिनियम के प्रावधानों के बारे में आम लोगों और नियोजकों को जानकारी दी जा रही है। श्रम विभाग की टीम द्वारा निरंतर निरीक्षण कर दोषियों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। कुछ दिनों पूर्व ही पुलिस के सहयोग से स्थानीय बोर्ड ऑफिस चौराहा, ज्योति टॉकीज एवं रोशनपुरा चौराहे पर पेपर तथा अन्य सामान बेचने के कार्य में संलग्न बच्चों को कार्य से मुक्त करने की कार्यवाही की गई थी।