भोपाल, जुलाई 2015/ कन्या भ्रूण हत्या पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए पूरे प्रदेश में ऑनलाइन ट्रेकिंग सिस्टम अगस्त अन्त तक लागू हो जाएगा। एमपी ऑनलाइन को फार्म ‘एफ’ की पूर्ति की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अधूरे फार्म पर अब अल्ट्रा सोनोग्राफी नहीं की जा सकेगी। संचालक एवं राज्य सक्षम प्राधिकारी पी.सी.एण्ड पी.एन.डी.टी. एक्ट डॉ. नवनीत मोहन कोठारी ने यह जानकारी गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक में गठित राज्य सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।

बैठक में सोनोग्राफी के लिए पंजीकृत चिकित्सक का आधार कार्ड नम्बर भी ट्रेकिंग डिवाइस से जोड़ने का निर्णय लिया गया। इससे पंजीकृत चिकित्सक के स्थान पर किसी अन्य तकनीशियन द्वारा सोनोग्राफी संभव नहीं होगी।

ऑनलाइन पंजीयन से प्रदेश के सभी सोनोलॉजिस्ट का डाटाबेस बनेगा। इससे विभिन्न केन्द्रों पर कार्यरत सोनोलॉजिस्ट के कार्य की सतत मॉनीटरिंग हो सकेगी। उल्लंघन की स्थिति में संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

सभी समुचित प्राधिकारियों को जिले में फार्म ‘एफ’ में रिकार्ड संधारण सुनिश्चित करने को कहा गया है। नवीन फार्म ‘एफ’ में रिकार्डस का संधारण सुनिश्चित करने के लिए ऑनलाइन फार्म ‘एफ’ प्रक्रिया अपनाई जा रही है। सभी जिलों में अल्ट्रा-सोनोग्राफी मशीनों पर ट्रेकर डिवाइस (एक्टिव ट्रेकर/साइलेंट आब्सर्वर) की स्थापना सुनिश्चित की जा रही है। नवीन पंजीयन एवं पंजीयन नवीनीकरण की प्रक्रिया के लिए भी ट्रेकर डिवाइस जरूरी कर दिया गया है।

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