राज्य शासन ने गैर-अनुदान प्राप्त प्रायवेट स्कूलों में कमजोर वर्ग के बच्चों के प्रवेश लॉटरी द्वारा किये जाने के लिये 6 से 8 जुलाई की तिथि निर्धारित की है। इसके पहले प्रवेश के लिये आवेदन की अंतिम तिथि 4 जुलाई होगी। नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा के अधिकार अधिनियम द्वारा प्रायवेट स्कूलों की आरक्षित सीटों पर प्रवेश की दो चरण की प्रक्रिया के बाद अभी भी न्यूनतम 25 प्रतिशत प्रवेश होना शेष है। ऐसी स्थिति में रिक्त सीट पर प्रवेश दिलवाने के लिये पिछले वर्षों की तरह तीसरे चरण की प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। शालावार नि:शुल्क प्रवेश के लिये रिक्त सीट की जानकारी अशासकीय विद्यालय के साथ संकुल प्राचार्य, बीआरसी, डीपीसी तथा जिला शिक्षा अधिकारी के पास उपलब्ध रहनी चाहिये। अभिभावकों द्वारा जानकारी माँगे जाने पर उन्हें उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये गये हैं।

शासन ने सभी कलेक्टर को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि भर्ती की पारदर्शी प्रक्रिया के दौरान प्रत्येक स्कूल में नोडल अधिकारी उपस्थित रहे। नोडल अधिकारी की उपस्थिति में लॉटरी द्वारा बच्चों का चयन किया जाये। प्रवेश की पूरी व्यवस्था की जिला, विकासखण्ड और संकुल स्तर से मॉनीटरिंग की जाये तथा सुनिश्चित किया जाये कि निर्धारित मापदण्ड के अनुसार पात्र बच्चों को प्रवेश मिले। कहीं से भी अपात्र बच्चों के प्रवेश मिलने की शिकायत पर तत्काल कार्यवाही की जाये।

शिक्षा सत्र 2015-16 में अधिनियम के प्रावधानों का पालन करते हुए दो चरण में बच्चों को प्रवेश दिलवाया गया है। पहले चरण में लॉटरी द्वारा 15 से 17 जनवरी के बीच प्रवेश की प्रक्रिया अपनायी गयी। दूसरे चरण में 16 से 18 अप्रैल के बीच लॉटरी निकाली गयी। उल्लेखनीय है कि नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा के अधिकार अधिनियम में गैर-अनुदान प्राप्त प्रायवेट स्कूलों में वंचित समूह और कमजोर वर्ग के बच्चों को कक्षा एक एवं प्री-स्कूल कक्षाओं में न्यूनतम 25 प्रतिशत नि:शुल्क प्रवेश देने की व्यवस्था है। फीडरवार कन्ज्यूमर इंडेक्सिंग का कार्य पूरा करने कार्ययोजना बनाई

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