भोपाल, दिसम्बर 2014/ प्रदेश में किसानों को मांग अनुसार यूरिया उपलब्ध करवाया जा रहा है। कुल 33 जिले ऐसे हैं जहाँ पिछले साल 8 दिसम्बर तक की अवधि में सहकारी समितियों द्वारा वितरित किए गए यूरिया से ज्यादा यूरिया इस साल उपलब्ध करवाया गया है। महज एक से 8 दिसम्बर की अवधि में ही 1 लाख 19 हजार मीट्रिक टन यूरिया प्रदेश के जिलों को उपलब्ध करवाया गया है। इसी अवधि का 56 हजार मीट्रिक टन यूरिया ट्रांजिट में है। विगत 11 नवम्बर 2014 से प्रदेश को 5 रेक प्रतिदिन के मान से यूरिया प्राप्त हो रहा है।

इस वर्ष एक अक्टूबर से 8 दिसम्बर तक की अवधि में ट्रांजिट सहित कुल 6 लाख 48 हजार मीट्रिक टन यूरिया प्रदेश में उपलब्ध करवाया गया है। यह मात्रा गत वर्ष की समान अवधि के लगभग बराबर है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के किसानों को मांग अनुसार यूरिया प्रदाय करने के लिए राज्य सरकार निरन्तर प्रयासरत रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केन्द्रीय स्तर पर 14 और 20 सितम्बर तथा 2 दिसम्बर को केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री से भेंट कर मांग अनुसार यूरिया प्रदाय का अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के स्तर पर भी यूरिया के प्रदाय की व्यवस्था को चाक-चौबंद रखने के प्रयास किये। इसी संदर्भ में मुख्यमंत्री ने 5 दिसम्बर को वीडियो कान्फ्रेंसिंग की। कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से कमिश्नर्स और कलेक्टर्स को निजी और सहकारी क्षेत्र में वितरित होने वाले यूरिया उर्वरक की सतत निगरानी के निर्देश दिये गये। श्री चौहान ने इसी कान्फ्रेंस में कलेक्टर्स को सहकारी और निजी क्षेत्र को यूरिया के निर्धारित 50:50 के आवंटन अनुपात को आवश्यकता अनुसार 75:25 निर्धारित करने के लिए अधिकृत किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कान्फ्रेंस में जिलों में यूरिया और अन्य उर्वरक की कालाबाजारी रोकने के लिए राजस्व, किसान-कल्याण और कृषि विकास विभाग के संयुक्त निरीक्षण दल बनाकर निजी और सहकारी क्षेत्र के बिक्री केन्द्रों और गोदामों का आकस्मिक निरीक्षण करने के भी निर्देश दिये।

प्रदेश में डीएपी और काम्पलेक्स उर्वरक भी पिछले साल की तुलना में इस साल ज्यादा वितरित किये गये हैं। इस साल अब तक 2 लाख 89 हजार मीट्रिक टन डीएपी का वितरण करवाया गया है। पिछले साल यह मात्रा इसी अवधि में 2 लाख 65 हजार मीट्रिक टन थी। इसी तरह इस साल आज तक 82 हजार मीट्रिक टन काम्पलेक्स उर्वरक का वितरण हुआ है। पिछले साल इसी अवधि में यह मात्रा मात्र 54 हजार मीट्रिक टन थी।

यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि पिछले साल अब तक की स्थिति में 100 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी हुई थी। इस वर्ष अब तक 84 लाख 90 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी हुई है।

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