भोपाल, जून 2013/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में बाँस एवं बाँस शिल्पियों के हितों के संरक्षण के लिये बाँस एवं बाँस शिल्प बोर्ड गठित किया जायेगा। प्रदेश में बाँस की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये मध्यप्रदेश बाँस विकास मिशन स्थापित किया जायेगा। पारम्परिक तौर पर बाँस शिल्प का काम करने वालों को शिल्पी का दर्जा दिया जायेगा और उनका पंजीयन किया जायेगा।

श्री चौहान यहाँ मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित बाँस शिल्पी पंचायत को संबोधित कर रहे थे। उन्‍होंने बाँस शिल्पियों के हित में घोषणाएँ करते हुए कहा कि बाँस शिल्पियों का पंजीयन किया जायेगा। पंजीयत बाँस शिल्पियों को सामाजिक सुरक्षा के लिये प्रसूति सहायता, विवाह सहायता, चिकित्सा सहायता, छात्रवृत्ति, आकस्मिक मृत्यु पर सहायता, दुर्घटना पर सहायता योजनाओं का लाभ दिया जायेगा।

वन मंत्री सरताज सिंह ने कहा कि बाँस शिल्प की दुनिया के बाजार में पहचान बनाने के अच्छे अवसर हैं। पंचायत में धानुक समाज, बरार और बसोर समाज के लिये काम कर रहे विभिन्न संगठनों और संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने बाँस शिल्पी समुदाय के कल्याण के लिये सुझाव दिये। संयुक्त वंशकार समाज कल्याण समिति के सी.ए. वंशकार ने बाँस विकास निगम बनाने की पहल करने के लिये समाज की ओर से मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

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