भोपाल, मार्च 2015/ केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन द्वारा जारी वर्ष 2014-15 के अग्रिम अनुमानों के आधार पर मध्यप्रदेश वर्ष 2014-15 में आर्थिक विकास दर (जीडीपी ग्रोथ) के मामलें में बड़े राज्यों में बाजी मार लेगा। इसके अनुसार वर्ष 2014-15 में मध्यप्रदेश की आर्थिक विकास दर 10.19 प्रतिशत अनुमानित है। यह देश के बड़े राज्यों में सबसे ज्यादा है। त्वरित अनुमान के अनुसार वर्ष 2013-14 में मध्यप्रदेश की आर्थिक विकास दर 9.48 प्रतिशत रही।
केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन के अनुसार वर्ष 2014-15 में मध्यप्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद प्रचलित मूल्यों पर 5 लाख 8 हजार करोड़ से अधिक होना अनुमानित है। वर्ष 2013-14 के त्वरित अनुमानों के अनुसार यह राशि 4 लाख 34 हजार 729 करोड़ रुपये थी। वर्ष 2004-05 में मध्यप्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद 1 लाख 12 हजार 926 करोड़ रुपये था। इस प्रकार वर्ष 2014-15 में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में वर्ष 2004-05 की तुलना में लगभग पाँच गुना वृद्धि अनुमानित है।
प्रदेश की कृषि विकास दर 2014-15 के अग्रिम अनुमानों के अनुसार 21.04 प्रतिशत रहना संभावित है। वर्ष 2013-14 के त्वरित अनुमान में प्रदेश की कृषि विकास दर 23.18 प्रतिशत रही।
प्रति व्यक्ति आय में भी वर्ष 2014-15 में बहुत अच्छी वृद्धि का अग्रिम अनुमान किया गया है। इस दौरान यह 59 हजार 770 रुपये होगी। वर्ष 2013-14 के त्वरित अनुमान में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 51 हजार 798 रही। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2004-05 में प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय सिर्फ 15 हजार 442 रुपये थी।
महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश सरकार ने बीते 10 साल में वित्तीय प्रबंधन में बेहतरीन उपलब्धियाँ हासिल की हैं। स्व-कर राजस्व में बहुत उल्लेखनीय वृद्धि की है। वर्ष 2003-04 में प्रदेश का स्व-कर राजस्व 6 हजार 805 करोड़ 10 लाख रुपये था जो वर्ष 2014-15 के बजट अनुमान में 38 हजार 990 करोड़ रुपये हो गया है। वर्ष 2015-16 में बजट अनुमान के अनुसार यह 43 हजार 448 करोड़ होना संभावित है। यह वृद्धि छह गुना है।
मध्यप्रदेश में वर्ष 2004-05 से लगातार राजस्व आधिक्य की स्थिति रही है। वर्ष 2003-04 में यह ऋणात्मक -4,476 करोड़ था। इसके बाद 2004-05 से लगातार राजस्व आधिक्य की स्थिति बनी हुई है। वर्ष 2015-16 में 5,587 करोड़ 97 लाख का राजस्व आधिक्य अनुमानित है।
मध्यप्रदेश में योजना व्यय में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्ष 2003-04 में यह 5,684 करोड़ 73 लाख रुपये था, जो वर्ष 2015-16 में 60 हजार 348 करोड़ होना अनुमानित है। इस 10 गुना से अधिक वृद्धि के फलस्वरूप प्रदेश में अधोसंरचना का तेजी से विकास हुआ है। कुल आयोजना व्यय का कुल व्यय से प्रतिशत 26.26 से बढ़कर 46 प्रतिशत हो गया है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि प्रदेश में लोगों के पास पैसा बढ़ा है।
इसी तरह प्रदेश में पूँजीगत व्यय भी काफी बढ़ा है। वर्ष 2003-04 में यह 2,853 करोड़ रुपये था, जो वर्ष 2015-16 में 22 हजार 364 करोड़ प्रस्तावित है। इसके फलस्वरूप प्रदेश में सड़क, बाँध, सिंचाई जैसे क्षेत्रों के लिए अधिक बजट प्रावधान किये जा सके हैं।