भोपाल, सितम्बर 2014/ मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री जन-धन योजना में अब तक 13 लाख 85 हजार 230 बेंक खाते खुल गये हैं। उनमें से 9 लाख 93 हजार 849 खाते ग्रामीण और 3 लाख 91 हजार 381 खाते शहरी क्षेत्रों में खुले हैं। सबसे ज्यादा 11 लाख 59 हजार 36 खाते सार्वजनिक क्षेत्र के बेंकों में खुले हैं। इसके अलावा एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, एक्सिस और इंडसइंड प्रायवेट बेंकों द्वारा 13 हजार 435 खाते खोले गये। मध्यांचल ग्रामीण बेंक सागर में 49 हजार 744, सेन्ट्रल मध्यप्रदेश ग्रामीण बेंक छिंदवाड़ा ने 72 हजार 688 और नर्मदा-झाबुआ ग्रामीण बेंक ने एक लाख 312 खाते खोले हैं।

सभी परिवारों के बेंक खाते खोलने का लक्ष्य प्राप्त करने में मध्यप्रदेश देश का अग्रणी राज्य बनेगा। प्रदेश में जुलाई, 2011 से वित्तीय समावेशन मॉडल (समृद्धि) का क्रियान्वयन पहले से ही किया जा रहा है, जिसका लाभ इस लक्ष्य की प्राप्ति में प्रदेश को मिलेगा। समृद्धि मॉडल में अभी तक प्रदेश में 2400 से अधिक अल्ट्रा-स्मॉल बेंक सुदूर अंचलों में खोले जा चुके हैं। इन बेंकों में 76 लाख 50 हजार से अधिक खाते खुल चुके हैं। इन बेंकों द्वारा अभी तक लगभग 1800 करोड़ का कारोबार किया जा चुका है।

प्रदेश में प्रधानमंत्री जन-धन योजना के लिये अभी बेंकों और स्थानीय जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप से सर्वे किया जा रहा है। ऐसा अनुमान है कि प्रदेश में 40 लाख परिवार के बेंक खाते खोले जायेंगे। योजना के अंतर्गत 26 जनवरी 2015 तक बेंक खाते खोले जाना है। मध्यप्रदेश में योजना के प्रारंभ से अब तक खोले खातों को देखते हुए 40 लाख खाते खोलने के लक्ष्य की पूर्ति समय से पूर्व ही होने की उम्मीद है।

उल्लेखनीय है कि विगत 28 अगस्त से देशभर के साथ मध्यप्रदेश में लागू की गई प्रधानमंत्री जन-धन योजना का उद्देश्य बेकिंग सुविधाओं का लाभ प्रत्येक परिवार को पहुँचाना है। योजना में बेंक खाता खोलने के रुपाय (RuPay) डेबिट कार्ड और एक लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर खातेदार को प्राप्त हो जाता है। छह माह तक खाते का संतोषजनक संचालन करने पर खातेदार को 5000 रुपये के ओव्हर ड्राफ्ट की सुविधा मिलेगी। आगे चलकर योजना में माइक्रो फायनेंसिंग सुविधा के साथ-साथ स्वालम्बन जैसी पेंशन योजनाओं का लाभ असंगठित क्षेत्र के लोगों को मिलने लगेगा। योजना में शासकीय योजनाओं का पैसा सीधा हितग्राहियों के बेंक एकाउंट में जमा करने का प्रावधान है।

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