भोपाल, जून 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। किसानों को बोनस के बेहतर विकल्प के रूप में खाद-बीज के लिए एक लाख रूपये के ऋण पर 10 हजार रुपये सरकार द्वारा वहन किए जायेंगे। किसान को सिर्फ 90 हजार रुपये लौटाने होंगे। फसल क्षति की भरपाई और किसानों को प्रति एकड़ न्यूनतम आय सुनिश्चित कराने के लिए नई फसल बीमा योजना बनाने के लिए केन्द्र के सहयोग से मध्यप्रदेश में गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री नरसिंहपुर जिले के करेली में कृषि महोत्सव के राज्य-स्तरीय समापन पर किसान महा-सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्य अतिथि केन्द्रीय पोत परिवहन, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी थे। इस अवसर पर 29 करोड़ 52 लाख 12 हजार रूपये के 33 निर्माण कार्य का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन किया गया। महासम्मेलन में जिले के 12 प्रगतिशील किसान को श्री गडकरी और मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कृषि को उद्योगों से जोड़ा जायेगा। उन्होंने मंशा व्यक्त की कि प्रदेश में कृषि पर आधारित लघु और कुटीर उद्योगों का जाल बिछे। उद्योग लगाने में प्रदेश के युवा आगे आयें। युवाओं को तकनीक, मार्केटिंग और पूँजी जैसी सहूलियतें सरकार उपलब्ध करवायेगी। बेंक ऋण की गारंटी भी सरकार लेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान परंपरागत खेती के साथ- साथ फल, फूल, सब्जी, औषधीय पौधों की खेती को अपनायें, ताकि किसान की आमदनी बढ़े।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में लोगों को सड़क की बेहतर सुविधा के लिए डामर के स्थान पर सीमेन्ट- क्रांकीट की सड़कें बनाई जायेंगी। ये सड़कें वर्षों तक चलेंगी और उनके रख-रखाव पर कम खर्च होगा। आगामी समय में केन्द्र सरकार द्वारा मध्यप्रदेश में 50 हजार करोड़ रुपये की लागत की सड़कों का निर्माण प्रस्तावित है। नरसिंहपुर जिले के रीछई बाँध की मरम्मत और नहरों के विस्तार के लिए परीक्षण करवाकर आवश्यक पहल की जाएगी।

केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि केन्द्र सरकार का नया भूमि अधिग्रहण कानून किसानों के हित में है। केन्द्र की सरकार ऐसा कोई कार्य नहीं करेगी, जो किसानों के हित के प्रतिकूल हो। कृषि विकास के मामले में मध्यप्रदेश पूरे देश में अव्वल राज्य है। प्रदेश की 23 प्रतिशत कृषि विकास दर देश में सर्वाधिक है। किसान खेती-किसानी की आधुनिक तकनीकों अपनाएं। किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप केन्द्र सरकार द्वारा कूड़ा- कर्कट से बर्मी कल्चर बनाने और किसानों द्वारा मधुमक्खी पालन कर शहद संग्रहण करने की योजना तैयार की जा रही है। केन्द्रीय मंत्री ने जिले में केरपानी में और दुधी नदी पर पुल का निर्माण करवाने की घोषणा की।

प्रमुख सचिव कृषि राजेश राजौरा ने बताया 25 मई से 20 जून तक कृषि महोत्सव के दौरान 21 हजार 600 ग्राम पंचायत में कृषि क्रांति रथों द्वारा भ्रमण किया गया। करीब 85 लाख किसान को खेती की नवीन तकनीकों की जानकारी दी गई। साढ़े 8 लाख पशु का उपचार किया गया। जिला सहकारी केन्द्रीय बेंक द्वारा नेपाल भूकंप पीड़ितों के लिए एक लाख रूपये का चेक मुख्यमंत्री को सौंपा गया।

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