भोपाल, अक्टूबर 2014/ मध्यप्रदेश किसानों को खेती-किसानी की नवीनतम तकनीकों की जानकारी इंटरनेट से देने वाला अग्रणी प्रदेश बन गया है। प्रदेश में तकनीकी संदेश के लिये अब तक किसानों को 293 लाख एस.एम.एस. भेजे गये हैं। यह आंकड़ा देश में सर्वाधिक है। वर्तमान में प्रदेश के सभी 313 विकासखण्ड में कृषि ज्ञान केन्द्रों के माध्यम से किसानों को इंटरनेट द्वारा नि:शुल्क उन्नत आधुनिक तकनीक से अवगत करवाया जा रहा है।

प्रदेश के किसान-कल्याण और कृषि विकास विभाग द्वारा हिन्दी में देश की पहली वेबसाइट http://www.mpkrishi.org/ शुरू की गई है। कृषि क्षेत्र में ई-गवर्नेंस की महत्वपूर्ण पहल साबित हुई इस वेबसाइट को राज्य सरकार से लगातार पाँच वर्ष श्रेष्ठ क्रियान्वयन की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है।

खेती-किसानी की तरक्की की सीख और उपलब्धियों का उत्सव कृषि महोत्सव प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रमों के साथ मनाया जा रहा है। इसमें किसानों के कल्याण के लिये चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी विभिन्न विभाग के अधिकारियों द्वारा दी जा रही है। कृषकों की समस्याओं को जाँचने और उनका स्थल पर निराकरण करने के लिये राज्य-स्तर पर कृषि महोत्सव किये जाने का प्रयास सफल रहा है। कृषि महोत्सव में प्रत्येक विकासखण्ड में मेले तथा शिविर, किसान रथ-यात्राओं से हितग्राही-मूलक योजनाओं की जानकारी देने के साथ प्रकरण तैयार किये जा रहे हैं।

कृषि यंत्रों का प्रचलन बढ़ाकर समय, पूँजी और श्रम की बचत के उद्देश्य से ‘यंत्रदूत योजना” संचालित की जा रही है। इसके साथ ही बेरोजगार युवकों को यंत्र सुधारने के लिये प्रशिक्षण तथा आर्थिक सहायता देकर गाँव में ही वर्कशॉप स्थापित करवायी जायेगी। लघु किसानों को गहरी जुताई के लिये प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रदेश में ‘हलधर योजना” का हजारों किसान लाभ ले रहे हैं। ग्रामीण परिवेश में कृषि कार्यों को सुगम बनाने एवं गौ-वंश को संरक्षित करने के लिये किसानों को बैल-गाड़ी क्रय करने पर अनुदान दिया जा रहा है।

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