भोपाल, अगस्त 2013/ प्रदेश के नगरीय निकायों में एकीकृत नगरीय स्वच्छता कार्यक्रम के जरिये स्थानीय परिस्थिति के अनुरूप सर्वेक्षण एवं समुदाय के सहयोग से नगरीय स्वच्छता कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा रहा है। नगरीय निकायों द्वारा योजना के पहले चरण में 41 नगर के सिटी सेनिटेशन प्लान तैयार किये जा रहे हैं। रतलाम जिले का सैलाना एवं इंदौर जिले का गौतमपुरा खुले में शौच की समस्या से मुक्त शहर बन गये हैं।
नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा नगरों को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए फरवरी 2009 से नगरीय स्वच्छता कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया गया। अब तक नगरीय क्षेत्र में रहने वाले गरीब परिवारों के लिए 20 हजार व्यक्तिगत स्वच्छ शौचालय का निर्माण करवाया गया। इसके साथ ही नगरीय क्षेत्र में सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण कार्य को भी प्राथमिकता दी जा रही है। चयनित नगरीय निकायों में 160 सामुदायिक शौचालय का निर्माण करवाया गया।
नगरीय क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन
प्रदेश के समस्त नगर में आधुनिक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, साइंटिफिक लेण्डफिल साइट उपलब्ध करवाये जाने के उद्देश्य से नगरों को डस्टबिन-फ्री सिटी घोषित करने के लिए मुख्यमंत्री शहरी स्वच्छता कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। इस कार्यक्रम के लिए नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा आगामी 5 वर्ष के लिए 278 करोड़ का प्रावधान किया गया है। ग्वालियर शहर में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की योजना का क्रियान्वयन रक्षा मंत्रालय के वित्तीय सहयोग से किया जा रहा है। इंदौर में एशियाई विकास बैंक व जेएनएनयूआरएम के समन्वित स्त्रोतों से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का कार्य किया जा रहा है।
राज्य के पन्ना तथा सैलाना नगरों ने डस्टबिन-फ्री सिटी बनने की दिशा में सराहनीय पहल की है। प्रदेश के अन्य नगरीय निकायों में भी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के क्रियान्वयन के लिए घरों से सीधे कचरा एकत्रित करने का कार्य प्रारंभ किया गया है।