भोपाल, मार्च 2015/ प्रदेश का पहला बाँस बगीचा (बैम्बूसेटम) भोपाल के लहारपुर ईकोलॉजिकल गार्डन में विकसित किया जा रहा है। बगीचे में देश-विदेश की 100 से अधिक बाँस प्रजाति को संरक्षित किया जायेगा। फिलहाल यहाँ 25 प्रजाति का रोपण किया जा रहा है। इन प्रजातियों को केरला फॉरेस्ट इंस्टीट्यूट कोच्चि, केरल, बैंगलुरु, पूना और मध्यप्रदेश के विभिन्न स्थल से लाया गया है। बाँस बगीचा विकसित हो जाने पर कृषि वैज्ञानिक, विद्यार्थी, वन अधिकारी और आम लोगों को देश-विदेश में पाई जाने वाली बाँस की विभिन्न प्रजातियों के अध्ययन एवं शोध का अवसर मिलेगा।

संचालक, मध्यप्रदेश राज्य बाँस मिशन ए.के. भट्टाचार्य ने बताया कि बैम्बूसेटम प्रोजेक्ट पूर्ण रूप से सिंचित एवं उच्च तकनीकी रोपण का मॉडल है। लहारपुर ईकोलॉजिकल गार्डन के तकरीबन 20 हेक्टेयर क्षेत्र में बाँस पौधों का रोपण 10 मी.X10 मी. के अंतराल पर किया जायेगा।

भोपाल वन-मण्डल के कटारा हिल्स स्थित 1800 हेक्टेयर में लहारपुर ईकोलॉजिकल गार्डन में पहले से ही नक्षत्र वन, ग्रह वन, दशमूल वन, आँवला एवं विभिन्न औषधीय वृक्षारोपण हैं। गार्डन में रोज 1000-500 लोग सैर करने आते हैं। यह ईकोलॉजिकल गार्डन शहरी वन के रूप में विकसित किया जा रहा है। गार्डन तीन भाग में विभाजित है, जिसके 600 हेक्टेयर के मुख्य भाग पर बाँस बगीचा विकसित किया जा रहा है।

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