भोपाल, मई 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में ऊर्जा संरक्षण का अभियान चलाया जायेगा। अनावश्यक खपत को कम करने के प्रयास युद्ध स्तर पर किये जायें। शासकीय, अर्धशासकीय, स्थानीय निकाय और निगम-मंडलों को कम विद्युत खपत वाले उपकरण और उपायों का उपयोग और जन-जागृति के प्रयास करने के निर्देश दिये हैं। श्री चौहान ऊर्जा विभाग की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में विभागीय मंत्री राजेन्द्र शुक्ल और मुख्य सचिव अंटोनी डिसा भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्च 2016 तक प्रदेश में कोई भी राजस्व ग्राम अविद्युतीकृत नहीं रहे। उन्होंने प्रदेश को अस्थाई कनेक्शन मुक्त प्रदेश बनाने की जरूरत बताई। अधिकारियों को रोडमेप बनाने के लिये निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि कार्य-योजना को चरणबद्ध बनाया जाये। लाइन के निकट के उपभोक्ताओं से शुरू करते हुए कार्य आगे बढ़ाया जाये। इसी तरह जिलों को अस्थाई कनेक्शन मुक्त जिला बनाने की पहल की जाये। उन्होंने विद्युत हानि को रोकने के लिये अन्डरग्राउण्ड केबल के विकल्प को प्रयोग करने के लिये कहा। शासकीय और निजी भवन निर्माताओं को इसके लिये प्रेरित और प्रोत्साहित किये जाने की जरूरत बताई। उन्होंने विभागीय कार्यों विशेषकर फीडर विभक्तिकरण कार्य की गुणवत्ता की निगरानी पर बल दिया। अधिकारियों से कार्य की निगरानी और मूल्यांकन के लिये किये जा रहे कार्यों की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने गत बैठक में लिये गये निर्णयों, मुख्यमंत्री की घोषणाओं, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के उपभोक्ताओं से चर्चा के कार्यों की भी जानकारी प्राप्त की।
श्री चौहान ने कहा कि विद्युत विभाग का परिदृश्य शत-प्रतिशत बदलना है। विभाग और जनता के संबंध मधुर बनाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाये। जमीनी व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद किया जाये। दक्षता को और बेहतर बनायें ताकि लोगों का संतोष स्तर बढ़ें। आमजन को लगे कि विभाग उनकी मदद के लिये है। विभाग के मित्र बने। जनता से दूरियाँ कम होने पर विभाग के राजस्व में भी वृद्धि होगी। योजनाओं का संचालन प्रभावी होगा।
मुख्यमंत्री ने मौसम पूर्वअनुमानों के आधार पर विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था करने के लिये कहा। उन्होंने धान के क्षेत्र में वृद्धि का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश के कई क्षेत्रों में फसल चक्र में भी परिवर्तन हो रहा है। उनकी सिंचाई आवश्यकताओं को भी विद्युत मांग आकलन में शामिल किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि संसाधनों पर गरीबों का भी पूरा हक है कि भावना के साथ विभागीय योजनाओं/कार्यक्रमों का संचालन और भविष्य की योजनाओं का निर्माण किया जाना चाहिये।
बताया गया कि विभाग ने बिल संबंधी समस्याओं के समाधान शिविर की पहल की है। शिविरों में 22 हजार 302 शिकायत का निराकरण किया गया है। माँग अनुसार विद्युत आपूर्ति का वर्ष 2030 तक की माँग का आकलन कर तैयार कर लिया गया है। वर्ष 2030 में प्रदेश की प्रति व्यक्ति खपत राष्ट्रीय औसत के पास पहुँच जायेगी।
समीक्षा में प्रमुख सचिव ऊर्जा आई.पी.एस. केसरी, प्रमुख सचिव वित्त आशीष उपाध्याय, मुख्यमंत्री के सचिव विवेक अग्रवाल, पॉवर मेनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक संजय शुक्ला एवं वितरण कंपनियों के प्रबंध संचालक उपस्थित थे।