भोपाल, जनवरी 2015/ मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा ने कहा है कि मध्यप्रदेश में स्मार्ट-सिटी के विकास के लिये ब्रिटिश सरकार, सीमंस, सिस्को, डीएफआईडी आदि का सहयोग लिया जायेगा। विजन-2018 में प्रदेश के शहरों में चयनित स्थानों पर स्मार्ट-सिटी विकसित कर परम्परागत मूलभूत सुविधाओं का विस्तार किया जायेगा। स्मार्ट-सिटी का विकास पीपीपी में भी किया जायेगा। स्मार्ट-सिटी में पुराने शहरों का भी काया-कल्प होगा। इसकी सैद्धांतिक सहमति ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में भी ली जा चुकी है।
श्री डिसा भारतीय प्रबंधन संस्थान, इंदौर में मध्यप्रदेश शासन और इंग्लेण्ड के सहयोग से इंदौर में स्मार्ट-सिटी के विकास विषयक अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे। कार्यशाला में शहरों को स्मार्ट बनाने पर चर्चा की गई। स्मार्ट-सिटी में सभी भौतिक एवं आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध करवाने पर विचार किया गया।
मुख्य सचिव ने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा देश में 100 स्मार्ट-सिटी बनाने की घोषणा के परिप्रेक्ष्य में मध्यप्रदेश अपने आप को तैयार कर रहा है। सिटी के कांसेप्ट पर ब्रिटेन के सहयोग से कार्य-योजना तैयार की जा रही है। स्मार्ट-सिटी का फायदा अधिक से अधिक जनता को मिले, इस पर समाधानकारक विचार किया जा रहा है।
डीएफआईडी के डायरेक्टर जनरल डेविड केनेडी ने कहा कि शहरों के आर्थिक विकास के लिये स्मार्ट-सिटी जरूरी है। स्मार्ट-सिटी में पूँजी निवेश से व्यावसायिक गतिविधियाँ, रोजगार और आर्थिक विकास के अवसर बढ़ेंगे।
प्रमुख सचिव नगरीय विकास और पर्यावरण एस.एन. मिश्रा ने बताया कि स्मार्ट-सिटी में ई-नगरपालिका, ई-पेमेंट और संचार क्रांति का अभिनव प्रयोग किया जायेगा। कार्यशाला में ब्रिटेन के मार्शल ईलियट, रिचर्ड प्लास्टर एवं मध्यप्रदेश के अधिकारी मौजूद थे।