भोपाल, दिसम्बर 2014/ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि पासपोर्ट कार्यालयों में सुधार की प्रक्रिया को तीव्रता से आरंभ किया गया है। मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि 5 लाख पासपोर्ट बुकों की कमी पासपोर्ट बनने में विलंब का कारण बतायी गयी थी हमने एक माह में 6 लाख पासपोर्ट बुके मुद्रित कराकर उसे पूरा किया है। इसी तरह पासपोर्ट बनवाने वाले को 28 वर्किंग डे का समय दिया जाता था उसे 40 दिन प्रतीक्षा करना पड़ती थी हमने 28 दिन से घटाकर इसे 7 दिन निर्धारित किया है और हमारा प्रयास है कि यह आगे चलकर 3 दिन हो जायेगा। व्यवस्था में सुधार करके सुशासन को मूर्तरूप दिया जा सकता है। यह नरेन्द्र मोदी सरकार ने साबित कर दिया है।
उन्होंने जवाबदेही पूर्ण शासन का दावा करते हुए कहा कि हमने मध्यप्रदेश में भोपाल के अलावा इंदौर में भी पासपोर्ट केन्द्र की व्यवस्था की है। ग्वालियर में 27 और 28 को कैंप आयोजित किया जा रहा है। नार्थ ईस्ट में भी पासपोर्ट मिलने की व्यवस्था में सुधार करने के लिए सभी 8 राज्यो में पासपोर्ट केन्द्र बनाए जाएंगे। इसी तरह ई पासपोर्ट व्यवस्था भी जल्द लागू की जाएगी। विदेश मंत्री ने कहा कि हमने प्रवासी भारतीयों की युवा पीढ़ी को भारत को जानो और भारत को मानो का मूलमंत्र दिया है। इसका अर्थ भारत की संस्कृति और परंपराओं से रूबरू होने के साथ देश में प्रौद्योगिकी तकनीक और विज्ञान के क्षेत्र में जो प्रगति हुई है उससे परिचित कराना है। जो युवा देश में आयेंगे उन्हें मंगलयान के वैज्ञानिकों से रूबरू कराया जायेगा।