भोपाल, सितम्बर 2014/ मध्यप्रदेश में मछली का उत्पादन निरंतर बढ़ रहा है। प्रदेश के ग्रामीण तालाबों और जलाशयों के कुल उपलब्ध 4 लाख एक हजार हेक्टेयर जल क्षेत्र में से 3 लाख 92 हजार हेक्टेयर अर्थात 98 प्रतिशत क्षेत्र में मछली-पालन हो रहा है। यही वजह है कि पिछले पाँच साल में प्रदेश का मछली उत्पादन 3541 टन के विरुद्ध 6787 टन रहा, जो लगभग 90 प्रतिशत अधिक है।
राज्य सरकार मछुआरों के आर्थिक विकास की और भी ध्यान दे रही है। पाँच वर्ष पूर्व मछुआरों को पारिश्रमिक राशि 5 करोड़ 72 लाख रुपये मिलती थी, जो अब बढ़कर 16 करोड़ 15 लाख रुपये हो गई है। पारिश्रमिक में हुई वृद्धि की यह दर 182 प्रतिशत अधिक है।
मछुआरों की आय में भी 102 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पाँच साल पहले जहाँ प्रति मछुआरे की आय 137 रुपये थी, वहाँ वह अब बढ़कर 277 रुपये प्रति मछुआ प्रतिदिन हो गई है। इसी तरह मत्स्य महासंघ की आय में भी लगातार इजाफा हुआ। महासंघ की आय जो पाँच साल पहले 6 करोड़ 48 लाख रुपये वार्षिक थी, वहीं वह अब बढ़कर 30 करोड़ 23 लाख रुपये हो गई है। बीते 5 साल में महासंघ ने 366 प्रतिशत अधिक आय अर्जित कर कीर्तिमान स्थापित किया है। पिछले माली साल में महासंघ को 12 करोड़ 87 लाख रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है, जो अब तक का सबसे अधिक है।
मत्स्य महासंघ ने गत वित्तीय वर्ष में 8680 लाख स्टेण्डर्ड फ्राई मछली बीज के उत्पादन के लक्ष्य के विरुद्ध 9631 लाख स्टेण्डर्ड फ्राई का उत्पादन किया। मछली बीज के उत्पादन में वृद्धि की दर 21 प्रतिशत अधिक रही। चालू माली साल में 9080 लाख स्टेण्डर्ड फ्राई मछली बीज उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। गत वर्ष 94 हजार टन मछली उत्पादन के लक्ष्य के विरुद्ध 96 हजार 258 टन मछली उत्पादन हुआ है। इस साल एक लाख टन मछली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
राज्य शासन द्वारा मछली-पालन को बढ़ावा देने के साथ-साथ मछुआरों के शिक्षण-प्रशिक्षण सहित उनके हित में अनेक योजनाएँ भी चलाई जा रही हैं। तालाब-पट्टाधारक मछुआरों के नवीन विकसित तकनीक का पन्द्रह दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। गत वर्ष 4671 मछुआरे प्रशिक्षित किये गये। इस साल 7229 मछुआरों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मछुआरों के लिये मत्स्य-पालन प्रसार, फिशरमेन क्रेडिट-कार्ड, वैयक्तिक दुर्घटना बीमा और अंतर्देशीय मात्स्यिकी जल-जीव के विकास की योजनाएँ भी संचालित की जा रही हैं।
उल्लेखनीय है कि महासंघ के अंतर्गत पंजीकृत प्राथमिक मछुआ सहकारी समितियों की संख्या 2057 है। समितियों में 76 हजार 384 मछुआ सदस्य हैं।