भोपाल, दिसम्बर 2014/ भोपाल, होशंगाबाद, ग्वालियर तथा चंबल संभाग के 16 जिलों में 13 दिसम्बर को लगने वाली नेशनल लोक अदालत में बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरणों का भी समझौते के माध्यम से निराकरण किया जाएगा। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा संबंधित उपभोक्ताओं/उपयोगकर्ताओं से अपील की गई है कि वे अप्रिय कानूनी कार्यवाही से बचने के लिए नेशनल लोक अदालत में समझौता करने के लिए अपने संबंधित बिजली कार्यालय में संपर्क करें।
कंपनी द्वारा विद्युत अधिनियम की धारा 135, 138 तथा 126 के तहत दर्ज बिजली चोरी/ अनियमितताओं के प्रकरणों में लोक अदालत में समझौता करने के लिए शर्तो का मसौदा जारी कर दिया गया है। न्यायालय में लंबित निम्न दाब उपभोक्ताओं के प्रकरणों में एकमुश्त राशि जमा करने पर ब्याज राशि में 50 प्रतिशत की रियायत की घोषणा की गई है। गैर न्यायालयीन प्रकरणों, जो प्रीलिटिगेशन के माध्यम से निराकृत किए जाएंगे, में एकमुश्त राशि जमा करने पर ब्याज में 50 प्रतिशत रियायत के साथ ही जुर्माना में भी 40 प्रतिशत की रियायत दी जाएगी।
लोक अदालत में ऐसे समस्त घरेलू, कृषि, ग्रामीण क्षेत्र के 5 किलोवाट भार तक के गैर घरेलू तथा 10 एच.पी. भार तक के औद्योगिक उपभोक्ता जिनके प्रकरण धारा 135 एवं 138 के तहत न्यायालय में लंबित है, निर्धारित शर्तो के अनुसार समझौता कर सकते हैं। निम्न दाब श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं के प्रकरणों में आंकलित जुर्माना राशि निर्धारित 30 दिन की अवधि में जमा नहीं होने पर प्रत्येक छै: माही चक्रवृद्धि दर के अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज लिया जाता है। लोक अदालत में ऐसे प्रकरण में एकमुश्त राशि जमा करने पर ब्याज में 50 प्रतिशत की रियायत दी जाएगी।
लोक अदालत में विद्युत अधिनियम की धारा 126 के ऐसे प्रकरण, जिन्हें न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया जा सका है, को प्रीलिटिगेशन प्रक्रिया के माध्यम से निराकृत किया जा सकेगा। इन प्रकरण में जुर्माना राशि में 40 प्रतिशत की रियायत दी जाएगी।