भोपाल, जनवरी 2015/ आदिम-जाति एवं अनुसूचित-जाति कल्याण मंत्री ज्ञान सिंह ने कहा है कि नेतृत्व विकास शिविर बच्चों का भविष्य उज्जवल बनाने में सहायक होंगे। शिविर के माध्यम से बच्चों की बौद्धिक क्षमता को बढ़ाना सरकार का उद्देश्य है। श्री सिंह ने यह बात शिविर के समापन में कही। यह शिविर प्रत्येक जिले में अजा-अजजा वर्ग के कक्षा 10वीं में प्रथम स्थान प्राप्त मेधावी विद्यार्थियों के लिये राज्य मुख्यालय में 23 जनवरी से शुरू किया गया था।

शिविर के माध्यम से बच्चों ने राज्यपाल, विभागीय मंत्री, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, विभागीय प्रमुख सचिव और आयुक्त सहित वरिष्ठ अधिकारियों से भेंटकर मार्गदर्शन प्राप्त किया। शिविर में 200 बच्चों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। इनमें अनुसूचित-जाति के 96, अनुसूचित-जनजाति के 86 और विशेष पिछड़ी जनजाति के 18 बच्चे थे।

सात दिवसीय शिविर में विद्यार्थियों की विभिन्न विषय-विशेषज्ञों ने केरियर काउंसिलिंग की। शिविर में विद्यार्थियों की विभिन्न शंकाओं का समाधान भी विशेषज्ञों ने किया। विद्यार्थियों को ज्ञानोपयोगी तथा नेतृत्व विकास से संबंधित पुस्तकें और प्रशस्ति-पत्र दिये गये।

शिविरार्थी बच्चों को ऐतिहासिक-स्थल साँची, राजभवन, पुलिस मुख्यालय और विधानसभा का भ्रमण करवाया गया। साथ ही भोपाल ताल में क्रूज की सैर, डी.बी. मॉल सहित भोपाल का भ्रमण बच्चों ने किया। शिविरार्थियों ने गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह और रवीन्द्र भवन में लोक-रंग कार्यक्रम का भी आनंद लिया।

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