भोपाल, सितंबर 2013/ भारत निर्वाचन आयोग ने आगामी विधानसभा चुनाव में अत्यधिक खर्च से बचने के लिये राजनैतिक दलों को उपाय सुझाए हैं। राजनैतिक दलों से अपील की गई है कि वे खर्च के मामले में स्व-नियंत्रण अपनायें। चुनाव प्रक्रिया के दौरान नगदी और लेन-देन से बचने को भी कहा गया है। आयोग ने अभ्यर्थियों/अभिकर्ताओं को सलाह दी है कि वे चुनाव के दौरान निर्वाचन क्षेत्रों में 50 हजार रुपये या उससे ज्यादा नगदी लेकर न चलें।
मौजूदा चुनाव कानून के अनुसार नगद राशि, मदिरा तथा अन्य वस्तुओं का मतदाताओं के बीच वितरण घूसखोरी है। इन्हें देने तथा लेने वाला दोनों को ही एक वर्ष तक की कारावास की सजा हो सकती है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा-123 के तहत यह भ्रष्ट आचरण भी है। प्रत्याशी को निर्वाचन व्यय में सही तथा त्रुटिरहित चुनावी खाता निर्दिष्ट ढंग से बनाकर समय पर जमा करना होगा। चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशी को धारा 10-ए लोक-प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 के तहत 3 साल के लिये विभिन्न आधार पर अयोग्य/अनुपयुक्त भी घोषित किया जा सकता है, जिसमें समय पर तथा निर्धारित/निर्दिष्ट तरीके से व्यय-लेखा जमा नहीं करना शामिल है। आयोग चुनाव में व्यय-लेखा की वास्तविकता की जाँच कर सकता है तथा धारा 10-ए के अधीन अभ्यर्थी को 3 साल के लिये निरर्हित कर सकता है।
चुनाव में प्रत्याशियों को अधिकतम राशि खर्च करने के मामले में भी स्पष्ट किया गया है। विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार के चुनावी खर्च की सीमा 16 लाख रुपये तथा लोकसभा चुनाव के लिये यह 40 लाख रुपये निर्धारित है। यदि जीतने वाले उम्मीदवार का चुनावी खर्च सीमा से अधिक है तो अदालत में चुनाव याचिका प्रस्तुत की जा सकेगी। राजनैतिक दल द्वारा खर्च की कोई सीमा नहीं रहेगी, किन्तु राजनैतिक दलों को चुनावी खर्च का व्यय-लेखा निर्धारित समय-सीमा में जमा करवाना होगा। विधानसभा चुनाव में 75 दिन तथा लोकसभा चुनाव में 90 दिन की समय-सीमा रहेगी।
निर्वाचन संबंधी खर्च के लिये प्रत्याशी को नामांकन के एक दिन पूर्व किसी भी बैंक या डाकघर में पृथक खाता खोलना होगा। प्रत्याशी चुनाव व्यय के लिये पृथक से अभिकर्ता रख सकेगा। सभी चुनाव व्यय एकाउंटपेयी चेक द्वारा किये जायेंगे, यदि चुनाव के दौरान किसी एक पार्टी को 20 हजार रुपये से अधिक का भुगतान करना है तो परिणाम की घोषणा 30 दिन के भीतर व्यय-लेखे में विवरण के साथ बैंक खाते की प्रति भी जमा करवाना होगी।
व्यय निगरानी टीमें
उम्मीदवारों के खर्च पर निगरानी के लिये सहायक व्यय प्रेक्षक के साथ आठ टीम तैनात रहेंगी। इनमें व्यय निगरानी सेल, वीडियो सर्विलेंस टीम, वीडियो व्यूइंग टीम, मीडिया मॉनीटरिंग टीम, एकाउंटिंग टीम, सर्विलेंस टीम फॉर ईललीगल केश, काल-सेंटर, व्यय निगरानी नियंत्रण कक्ष शामिल है।