भोपाल, अक्टूबर 2014/ ‘पहला सुख निरोगी काया’ और निरोग रहने के लिये स्वच्छता आवश्यक है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने विश्व हाथ धुलाई दिवस पर यहाँ शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में राज्य-स्तरीय कार्यक्रम में छात्राओं के हाथ साबुन से धुलवाकर स्वच्छता का यह संदेश दिया। इसके साथ ही आज मध्यप्रदेश के 14 हजार स्कूल और 80 हजार आंगनवाड़ी के एक करोड़ से अधिक विद्यार्थी द्वारा सामूहिक रूप से हाथ धोने का विश्व कीर्तिमान रचने की प्रक्रिया प्रारम्भ हुई। कार्यक्रम में महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह, महापौर श्रीमती कृष्णा गौर एवं सांसद श्री आलोक संजर उपस्थित थे।

श्री चौहान ने कहा कि स्वच्छता सफाई का संस्कार भारत में हजारों वर्षों से है। घर के बड़े, बुजुर्ग बगैर हाथ-पैर धोये घर में प्रवेश नहीं करने देते थे। उन्होंने कहा कि स्वच्छता की शुरूआत अपने घर, पड़ोस तथा स्कूल से करें। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी स्वच्छता को बहुत महत्व देते थे। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया है। जहाँ स्वच्छता होती है वहाँ सुन्दरता, स्वास्थ्य और समृद्धि होती है। शरीर के साथ मन भी स्वच्छ होना चाहिये। इसके लिये अच्छे विचार जरूरी हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को सीख देते हुए कहा कि माता-पिता और गुरू का आदर करें, सच बोलें, ईष्या नहीं करें। इससे अच्छा व्यक्तित्व बनता है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता को अपनी आदत बनायें। प्रदेश के नागरिक स्वच्छता की मिसाल प्रस्तुत करें।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री एवं जिले के प्रभारी श्री गोपाल भार्गव ने कहा कि प्रदेश में इस कार्यक्रम के माध्यम से एक करोड़ बच्चों तक हाथ धोने का संदेश पहुँचाया जा रहा है। स्कूलों में मध्यान्ह भोजन के पहले हाथ धोने के लिये साबुन और तौलिया उपलब्ध रहेगा। स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री श्री दीपक जोशी ने कहा कि विश्व हाथ धुलाई दिवस पर प्रदेश के एक लाख 19 हजार स्कूल में कार्यक्रम किया जा रहा है। भारतीय संस्कृति में स्वच्छता को महत्व दिया गया है।

स्कूल की छात्रसंघ अध्यक्ष कुमारी फलक नाज ने विश्व धुलाई दिवस का महत्व बताया। जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मीना-हिम्मत सिंह, विधायक श्री विश्वास सारंग, अपर मुख्य सचिव ग्रामीण विकास श्रीमती अरूणा शर्मा और आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र श्रीमती रश्मि शमी सहित बड़ी संख्या में बच्चे कार्यक्रम में उपस्थित थे।

स्कूल शिक्षा तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के साथ ही प्रदेश के सभी नगरीय एवं ग्रामीण निकाय ने इस आयोजन में भागीदारी की। राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन, ब्रिटिश सरकार के अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग (डीएफआईडी) में कार्यरत संस्था एम पी टास्ट की वॉश परियोजना, एन.डी.टी.वी, डिटॉल तथा वाटर एड सहित विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाएँ भी इस आयोजन में भागीदार हैं।

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