भोपाल, अगस्त 2014/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य सरकार लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएँ देने के लिये प्रतिबद्ध है। निजी क्षेत्र के सहयोग से स्वास्थ्य सेवाओं में अप्रत्याशित सुधार लाया जा सकता है। आदर्श स्थिति यह होगी कि प्रदेश के नागरिकों को प्रदेश में ही गुणवत्तापूर्ण विशेषज्ञ सुविधाएँ उपलब्ध हों। निजी नर्सिंग होम और अस्पताल रिहायशी क्षेत्रों में खोलने पर कोई बाधा नहीं है लेकिन बायो मेडिकल वेस्ट का संपूर्ण प्रबंधन जरूरी है।

श्री चौहान यहाँ मध्यप्रदेश नर्सिंग होम एसोसिएशन के 12वें राज्य स्तरीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। यह सम्मेलन सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के प्रदाय पर विचार के लिये आयोजित किया गया था।

मुख्‍यमंत्री ने एसोसिएशन से कहा कि वह एक समिति बनाकर सरकार को एक महीने के अंदर सुझाव दे कि कौन से नियम-कानूनों को जनहित और नर्सिंग होम संचालन की दृष्टि से सरल किया जा सकता है। निजी नर्सिंग होम और अस्पताल संचालक चिकित्सकों की नई पीढ़ी को गाँव में सेवाएँ देने के लिये प्रेरित करें और इसके लिये अनुकूल वातावरण बनाएं।

निजी स्वास्थ्य संस्थाओं की भागीदारी से शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दरों में तेजी से कमी लाई जा सकती है। इसके अलावा लिंग परीक्षण को हतोत्साहित करने, बेटी बचाओ अभियान आगे बढ़ाने, ममता अभियान जैसे स्वास्थ्य सुरक्षा संबंधी अभियानों में भी प्रभावी भागीदारी हो सकती है। डॉक्टरों की कमी को देखते हुए निजी क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज खुलना चाहिये लेकिन उन्हें अपनी प्रतिष्ठा बनाये रखना होगा। इसी प्रकार निजी नर्सिंग होम को भी सभी नैतिक मापदण्डों का ईमानदारी से पालन करना होगा। राज्य सरकार निजी नर्सिंग होम और अस्पताल की स्थापना और उनके संचालन में आने वाली बाधाओं को दूर करेगी।

सांसद आलोक संजर और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य प्रवीर कृष्ण ने भी विचार रखे। एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ. एस.एम. होलकर ने सम्मेलन के उद्देश्यों की जानकारी दी। प्रदेश भर से आये नर्सिंग और निजी अस्पताल के संचालक सम्मेलन में उपस्थित थे।

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