भोपाल। प्रदेश के नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में खनित नल-कूप को सुरक्षित करने और दुर्घटनाओं से बचाव के उद्देश्य से मुख्य तकनीकी परीक्षक (सीटीई) संगठन ने नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को आवश्यक कार्रवाई करने का परामर्श दिया है।
संगठन ने सिंचाई, व्यावसायिक अथवा पेयजल के लिए निजी नल-कूप खनन करने से सात दिवस पूर्व इसकी सूचना प्रायवेट संस्था अथवा व्यक्ति द्वारा संबंधित नगरीय निकाय अथवा ग्राम-पंचायत को देना अनिवार्य किए जाने का सुझाव दिया है। संगठन ने नल-कूप खनित होने के दूसरे कार्य दिवस में नल-कूप को केसिंग पाईप एवं केप लगाकर सुरक्षित किए जाने की लिखित सूचना नल-कूप स्वामी/संस्था द्वारा संबंधित नगरीय निकाय अथवा ग्राम-पंचायत को दिया जाना अनिवार्य बनाने तथा इस कार्य का भौतिक सत्यापन संबंधित नगरीय निकाय अथवा ग्राम-पंचायत द्वारा करवाना सुनिश्चित किए जाने की आवश्यकता बतलाई है। सीटीई ने इस कार्य के लिए स्थानीय संस्था द्वारा वार्डवार कर्मचारी की ड्यूटी सुनिश्चित करने तथा जन-साधारण को इस प्रकार के नल-कूपों को सुरक्षित करने, खनन पूर्व तथा खनन उपरांत सूचना देने के प्रावधानों का समुचित प्रचार-प्रसार नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में करवाने का परामर्श भी दिया है।