भोपाल, फरवरी 2015/ प्रदेश में नये शिक्षण सत्र से सभी शासकीय शालाओं में शौचालय की व्यवस्था हो जायेगी। शौचालयों के निर्माण में स्कूल शिक्षा विभाग के साथ आदिम जाति कल्याण, नगरीय विकास, सार्वजनिक उपक्रम, मंडी बोर्ड, लघु वनोपज संघ, केंद्र के सार्वजनिक उपक्रम वित्तीय सहयोग कर रहे हैं। जन भागीदारी को भी प्रोत्साहित किया जायेगा। सांसद और विधायक निधि का सहयोग लिया जायेगा।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहाँ मंत्रालय में शालाओं में शौचालय निर्माण की प्रगति की समीक्षा करते हुए निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संधारण और निगरानी के काम को प्राथमिकता देने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री ने शौचालय निर्माण के काम को युद्व स्तर पर जारी रखने तथा शौचालयों के वार्षिक संधारण के लिए संस्थागत व्यवस्था करने की आवश्यकता बतलाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर बच्चे को स्वस्थ पर्यावरण में रहने का अधिकार है।

बैठक में बताया गया कि करीब 50 हजार शौचालयों का निर्माण जून 2015 तक हो जायेगा। संबंधित विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा धनराशि स्वीकृत करने, निर्माण एजेंसी तय करने की प्रक्रिया पूरी हो गयी है। शौचालयों का डिजाइन अनुमोदित हो चुका है।

शौचालयों के निर्माण में केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रम का भी सहयोग लिया जा रहा है। भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन, कोल इण्डिया लिमिटेड, खान मंत्रालय, पेट्रोलियम मंत्रालय, मॉइल लिमिटेड, एम.एस.टी.सी. लिमिटेड, नेशनल हाइड्रो पॉवर कारपोरेशन, एन.टी.पी.सी,  आई.ई.सी., नेशनल फ़र्टिलाइज़र लिमिटेड मिलकर करीब बीस हजार शालाओं में शौचालय निर्माण में सहयोग दे रहे है।

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