भोपाल, जुलाई 2015/ राज्य शासन ने स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों को नये शिक्षा सत्र के दौरान विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति और विद्यार्थियों की पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिये स्कूलों का आकस्मिक निरीक्षण करने के निर्देश दिये हैं। आकस्मिक निरीक्षण के लिये सभी संभागीय संयुक्त संचालक, डीईओ, डीपीसी और आदिवासी विकास विभाग के जिला संयोजक और सहायक आयुक्त को निर्देशित किया गया है। प्रदेश के सभी विद्यालय का प्रारंभिक प्रथम निरीक्षण 31 जुलाई तक पूरा किया जायेगा।
उच्चतर माध्यमिक विद्यालय/हाई स्कूल के प्राचार्य माह में कम से कम 10 विद्यालय तथा इससे अधिक विद्यालय का आकस्मिक और अकादमिक निरीक्षण करेंगे। निरीक्षण अभियान 9 जुलाई से शुरू करने को कहा गया है। प्राचार्य स्वयं के विद्यालय का निरीक्षण नहीं कर सकेंगे। उनके विद्यालय का निरीक्षण अन्य प्राचार्य करेंगे। वर्ष 2014-15 के परीक्षा परिणाम के आधार पर अगले परीक्षाफल के सुधार के लिये प्राचार्यों द्वारा कार्य-योजना बनायी जायेगी। प्राचार्य स्वयं कक्षा में नियमित पीरियड लेकर विद्यार्थियों को पढ़ायेंगे। शिक्षकों तथा विद्यार्थियों की नियमित उपस्थिति एवं अवकाश पंजी रजिस्टर संधारित किया जायेगा। विद्यार्थियों की प्रतिमाह 75 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा गया है।
प्राचार्य प्रतिदिन अपने विद्यालय की कम से कम दो कक्षा का आकस्मिक निरीक्षण करेंगे। शिक्षक के अवकाश पर रहने की स्थिति में अन्य शिक्षक से शिक्षण कार्य करवाया जायेगा। प्राचार्य द्वारा स्वयं अथवा अतिथि शिक्षक से भी यह कार्य करवाया जायेगा। स्कूल में शुद्ध पेयजल, कक्षाओं, प्रांगण एवं टॉयलेट की नियमित की सफाई व्यवस्था अनिवार्यत: सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं। प्राचार्य अपने अमले की साप्ताहिक बैठक लेकर पठन-पाठन के संबंध में निर्देश देंगे और पाठ्यक्रम की समीक्षा करेंगे। प्राचार्य निरीक्षण पंजी संधारित कर उसमें समस्त विवरण अंकित करेंगे। डीईओ द्वारा उनके जिले के उ.मा.वि. एवं उनके स्कूल के प्राचार्यों को माह में 10 विद्यालय के निरीक्षण के लिये अधिकृत किया जायेगा। निरीक्षण में उपस्थिति पंजी में अनुपस्थित शिक्षकों के संबंध में टीप अंकित कर चेतावनी दी जायेगी।
संयुक्त संचालक और डीईओ को निरीक्षण के पहले दिये गये निर्देश यथावत रहेंगे। शासन ने शिक्षक डायरी का संधारण नियमित रूप से सुनिश्चित करने तथा उसे प्रति सप्ताह प्राचार्य से सत्यापित करवाने को कहा है। शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों को नियमित गृह कार्य देने तथा प्रत्येक शनिवार को बाल-सभा के आयोजन के निर्देश दिये गये हैं। आगामी क्रांति-दिवस 9 अगस्त को रविवार होने से विद्यालयों का सघन निरीक्षण 10 अगस्त को करने को कहा गया है। निरीक्षण नहीं किये जाने पर प्राचार्य के विरुद्ध कार्य में लापरवाही एवं उदासीनता के कारण अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। संभागीय संयुक्त संचालक एवं डीईओ द्वारा निरीक्षण किये गये स्कूलों में से किन्हीं भी 5-5 विद्यालय का रेण्डम निरीक्षण किया जायेगा। निरीक्षण में इस बात का पता लगाया जायेगा कि प्राचार्य द्वारा निर्देशों के अनुरूप निरीक्षण किया गया अथवा नहीं। प्राचार्य द्वारा निरीक्षण में लापरवाही बरते जाने पर उनके विरुद्ध कार्यवाही के निर्देश भी दिये गये हैं।