मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश ने निरंतर प्रगति कर विकसित राज्य की श्रेणी में अपनी आमद की है। श्री चौहान के मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश में पहली बार बुनियादी सुविधाओं को मुहैया करवाने की नयी योजनाओं के साथ ही, किसान, महिला, युवा, वृद्ध सहित समाज के सभी कमजोर वर्गों को बिना जाति-धर्म के बंधन के सामाजिक सुरक्षा देने का प्रयास किया गया। राज्य सरकार की इन सुचिंतित और कारगर ढंग से अमल में लायी गयी योजनाओं को चहुँओर सराहा गया और उनका अनुकरण भी किया गया।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में गिरते लिंगानुपात और कन्याओं के साथ होने वाले भेदभाव को समाप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने बेटी बचाओ अभियान शुरू किया। अभियान में 12 विभाग को 66 चिन्हित गतिविधि चलाने की जिम्मेदारी दी गई है। इसी दिशा में बिना किसी भेदभाव के मुख्यमंत्री कन्यादान योजना को संस्थागत किया गया। बहुचर्चित लाड़ली लक्ष्मी योजना में वर्ष 2007 से अब तक 13 लाख कन्या को लाड़ली लक्ष्मी बनाया गया। इसी के साथ महिलाओं के आर्थिक विकास के लिए तेजस्विनी योजना में स्व-सहायता समूहों का गठन भी किया गया।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने वृद्धजनों के लिए मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना लागू कर उनके हृदय में भी स्थान बनाया। प्रदेश के 60 साल से अधिक आयु के मूल निवासी जो आयकर दाता नहीं हैं और शारीरिक-मानसिक रूप से स्वस्थ हैं, इस योजना का लाभ ले रहे हैं। साथ ही 65 साल से अधिक उम्र के लोगों को सहायक ले जाने की पात्रता भी है। योजना में 17 तीर्थ-स्थान का चयन किया गया है। यह तीर्थ-स्थान उत्तराखंड के श्री बद्रीनाथ, श्री केदारनाथ और हरिद्वार, उड़ीसा का श्री जगन्नाथपुरी, गुजरात का श्री द्वारकापुरी, जम्मू एवं कश्मीर के अमरनाथ और वैष्णोदेवी, महाराष्ट्र का शिरडी, आंध्रप्रदेश का तिरूपति, राजस्थान का अजमेर शरीफ, उत्तरप्रदेश का काशी, बिहार का गया, पंजाब का अमृतसर, तमिलनाडु के रामेश्वरम् और वेलांगणी चर्च नागपट्टनम, झारखंड का सम्मेदशिखर और कर्नाटक का श्रवण बेलगोला हैं।
प्रदेश में लोक स्वास्थ्य के क्षेत्र में ‘सम्पूर्ण स्वास्थ्य, सबके लिए’ योजना का संचालन किया जा रहा है। हाल में ही मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम से निःशुल्क औषधि वितरण योजना शुरू की है। योजना में प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में इलाज करवाने वाले मरीजों को निःशुल्क दवाएँ उपलब्ध करवायी जा रही हैं। आरंभिक रूप से इस योजना में 147 जेनरिक दवा को शामिल किया गया है। योजना के लिए 216 करोड़ का बजट राज्य शासन द्वारा उपलब्ध करवाया गया है। इसमें 51 करोड़ रुपये की राशि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की है।
राज्य सरकार ने शहरी अधोसंरचना विकास एवं बेहतर सेवाएँ उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री शहरी जल प्रदाय योजना, मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना (सीडीपी में क्रियान्वयन के लिए) और मुख्यमंत्री शहरी स्वच्छता मिशन योजनाएँ लागू की।
मध्यप्रदेश लोक सेवा प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010 को लागू करने वाला प्रथम राज्य बना। कुल 52 लोक सेवा इस अधिनियम के दायरे में शामिल की गयी हैं। अधिनियम को 8 राज्य ने अपनाया। अब तक 137 अधिकारियों-कर्मचारियों पर 2 लाख 52 हजार 420 रुपए का जुर्माना हुआ। इसके अलावा आवेदक को क्षतिपूर्ति के रूप में 1 लाख 86 हजार की राशि दी जा चुकी है।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने समाज के विभिन्न वर्ग के साथ सीधे संवाद का निर्णय लेने के लिए सामाजिक पंचायतों का सिलसिला चालू किया जो निरतंर है। अभी तक विभिन्न पंचायतें हो चुकी हैं। इनमें महिला पंचायत, किसान पंचायत, आदिवासी पंचायत, वन पंचायत, अनुसूचित जाति पंचायत, कोटवार पंचायत, लघु उद्यमी पंचायत, खेल पंचायत, शिल्पी एवं कारीगर पंचायत, किसान महापंचायत, निशक्तजन पंचायत, जबलपुर और भोपाल में मछुआ पंचायत, स्व-सहायता समूह महापंचायत, मण्डी हम्माल-तुलावटी पंचायत, स्वैच्छिक संगठन पंचायत, शहरी घरेलू कामकाजी महिला पंचायत, साइकिल-रिक्शा-हाथठेले पंचायत, विद्यार्थी पंचायत, फेरीवालों की पंचायत, वृद्धजन पंचायत और वकील पंचायत शामिल हैं।
राज्य में कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों की चुनौतियों के समाधान के लिए कृषि केबिनेट का गठन किया गया। कृषि केबिनेट एवं कृषि बजट में कृषि, बागवानी, पशुपालन और डेयरी, मत्स्य, सहकारिता, जल संसाधन, नर्मदा घाटी विकास, ऊर्जा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग तथा वन विभाग को शामिल किया गया।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्रामीण क्षेत्र में सामान्य क्षेत्र के 500 और आदिवासी क्षेत्र के 250 से कम आबादी वाले राजस्व ग्रामों में ग्राम सड़क बनाने के लिए वर्ष 2010-11 से मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना शुरू की। इसमें 2013 तक ऐसे सभी ग्रामों के बारहमासी सड़कों से जोड़ने का लक्ष्य है। योजना से ऐसे छोटे गाँवों में बारहमासी सड़कें बन रही हैं जो प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के दायरे में नहीं आते। योजना में 19 हजार 386 किलोमीटर लंबे 7,575 मार्गों का निर्माण किया जाएगा। कुल 9,109 गाँव में इन सड़कों के निर्माण पर 3,634 करोड़ की लागत आयेगी। अभी तक इस योजना में 1,856 किलोमीटर लंबी सड़कों और 5,984 पुल-पुलियो का निर्माण किया जा चुका है। इसमें 5,843 किलोमीटर सड़कों पर मिट्टी कार्य तथा 1,799 किलोमीटर सड़क पर गिट्टी कार्य भी पूरा किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के विभिन्न स्थानों के दौरे पर यह देखा कि प्रदेश में ऐसे बच्चों का एक बड़ा समूह है जो हृदय रोग से पीड़ित हैं और पैसों के अभाव में उनका इलाज नहीं हो पा रहा है। ऐसे बच्चों के उपचार के लिए मुख्यमंत्री ने उन्हें मिलने वाले स्मृति-चिन्हों की बिक्री कर राशि एकत्रित की बल्कि सरकार की तरफ सेबाल हृदय उपचार योजना भी बनवायी। योजना में गरीब परिवार के बच्चों को निःशुल्क उपचार और शल्य क्रिया उपलब्ध करवायी जाती है। इसमें 0 से 15 वर्ष तक के बच्चों को हृदय रोग से संबंधित इलाज शासकीय एवं अधिकृत निजी चिकित्सालयों में करवाने फैसला लिया। योजना में 20 करोड़ की राशि का बजट प्रावधान किया जिसमें से अभी तक 5 करोड़ 71 लाख 31 हजार 500 रुपये खर्च कर लाभ पहुँचाया गया। इसमें राज्य स्तर पर 2 करोड़ 49 लाख 81 हजार 500 और जिला-स्तर पर 3 करोड़ 21 लाख 50 हजार की राशि व्यय की गई।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने खेतिहर मजदूरों तथा उनके परिवारों का जीवन-स्तर सुधारने के साथ ही उनके जरूरत अथवा मुसीबत के वक्त सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना प्रारंभ की। मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग स्व-रोजगार योजना में हितग्राहियों को बैंक के माध्यम से अधिकतम 25 लाख रुपये तक ऋण स्वीकृत किए जाने का प्रावधान किया। स्वीकृत ऋण में 25 प्रतिशत पूँजी अनुदान एवं 5 प्रतिशत ब्याज दिये जाने का भी प्रावधान रखा गया। यह योजना वर्ष 2008-09 में पिछड़े वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों को कृषि, उद्योग, सेवा व्यवसाय आदि में रोजगार उपलब्ध करवाये जाने के उद्देश्य से शुरू की गई।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को सस्ता अनाज उपलब्ध करवाने के लिए मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना शुरू की। इसमें प्रदेश के 52 लाख से अधिक परिवार (नीला राशन कार्डधारी) को उचित मूल्य दुकान से 20 किलो अनाज प्रतिमाह उपलब्ध करवाया जाता है। कार्डधारी को गेंहूँ 3 रुपये प्रति किलोग्राम तथा चावल 4 रुपये 50 पैसे प्रति किलोग्राम की दर से दिया जाता है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में बड़ी संख्या में आवास हीन परिवारों को अपने स्वयं के आवास निर्माण करने के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना शुरू की।
ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल योजना का उद्देश्य ऐसे गाँव में पेयजल सुविधा उपलब्ध करवाना है जहाँ की जनसंख्या 1 हजार से कम और 500 से अधिक हो और वहाँ पेयजल की कोई सुविधा उपलब्ध न हो। पहले योजना में 5 लाख रुपये प्रति योजना का प्रावधान था जिसे बढ़ाकर 10 लाख कर दिया गया। वर्ष 2010-11 से प्रारंभ इस योजना में 145 करोड़ की राशि खर्च कर अब तक 2,193 योजना पूर्ण की गई हैं।
गाँव की बेटी योजना का उद्देश्य गाँव की प्रतिभाशाली कन्याओं को शासकीय अथवा निजी महाविद्यालयों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित करना है। योजना में 12वीं कक्षा में प्रथम श्रेणी प्राप्त करने वाली कन्या को 10 माह तक 500-500 रुपये की छात्रवृत्ति दी जाती है। योजना में अभी तक 70 हजार कन्या लाभान्वित हो चुकी हैं। इसी प्रकारप्रतिभा किरण योजना शहरी प्रतिभाशाली कन्याओं को शासकीय एवं निजी महाविद्यालयों में उच्च शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से बनायी गई है। योजना में अभी तक 8 हजार बालिकाओं को लाभ मिल चुका है। उषा किरण योजना का उद्देश्य प्रोटेक्शन ऑफ वूमन फारम डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट-2005 का क्रियान्वयन करना है। यह योजना प्रदेश में वर्ष 2008 में लागू की गई। घरेलू हिंसा के मामले में कमी लाना, महिलाओं में अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाना, उनमें आत्मविश्वास जागाना तथा स्वयं चहुमुखी विकास के लिए प्रेरित करना योजना का उद्देश्य है। साथ ही बच्चों के बेहतर परवरिश और अनुकूल पारिवारिक परिवेश विकसित करने में उन्हें सहायता प्रदान करना है।
ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों की आवास समस्या के समाधान की दिशा में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 22 फरवरी, 2011 को मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन लागू किया गया। इसमें हितग्राही 70 हजार रुपये लागत तक का मकान बना सकता है। इसमें से राज्य सरकार 30 हजार रुपये अनुदान के रूप में देती है और 30 हजार रुपये का ऋण देने की बैंकों से सिफारिश करती है। हितग्राही को अपने पास से केवल 10 हजार रुपये लगाना पड़ता है। अभी तक इस योजना में 3 लाख 10 हजार 868 ऋण आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 1 लाख 64 हजार 168 आवेदन बैंको को भेजे जा चुके हैं। बैंको ने 65 हजार 66 आवेदनों को स्वीकृत किया है। अभी तक 2,783 मकान बन चुके हैं और 22 हजार 326 का निर्माण जारी है।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न अधोसंरचना विकास कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिए 10 जनवरी 2012 से पंच परमेश्वर योजना लागू की है। योजना के माध्यम से पंचायतों को सीसी रोड बनवाने, सीवेज लाइन निर्माण करने, कार्यालय भवन बनाने आदि जैसे विकास कार्य करने के अधिकार प्राप्त हो गये हैं। ऐसे कार्य के लिए दी जाने वाली अनुदान राशि संबंधित पंचायती खाते में सीधे जमा कर दी जाती है। वर्ष 2012-13 में इस योजना के लिए 19 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है। अभी तक विभिन्न पंचायतों के लिए 24 हजार 182 कार्य स्वीकृत किए गये हैं। जिसमें 2,884 कार्य पूर्ण हुए हैं और 12 हजार 374 कार्य प्रगति पर हैं।