भोपाल, दिसम्बर 2014/ मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने मौजूदा सरकार की तीसरी पारी का एक वर्ष पूर्ण होने पर मंत्रियों और सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की संयुक्त बैठक में वर्ष भर के कार्यों का लेखा-जोखा लिया। उन्होंने कहा कि नया सोचते रहना और करते रहना प्रदेश के विकास के लिये महत्वपूर्ण होता है।

लगभग 5 घंटे की इस मैराथन बैठक में सी.एम.हेल्पलाइन, विभिन्न पंचायत में की गई घोषणाओं सहित 11 विभाग की समीक्षा की गई। श्री चौहान ने कहा कि पहले क्षेत्र भ्रमण पर शिकायतों का अंबार मिलता था। सी.एम.हेल्पलाइन के बाद से इस तरह के आवेदकों की संख्या में बड़ी कमी आयी है। वे अमूमन प्रतिदिन सी.एम. हेल्पलाइन के चार-छह आवेदक से अलग-अलग फोन से बात कर निराकरण की वास्तविक स्थिति ज्ञात करते हैं। उन्होंने सभी विभाग के अधिकारियों से जानकारी ली कि उन्होंने कितने आवेदक से फोन पर सीधी बात की है। फोन पर शिकायत निराकृत करने के इस प्रयोग को गुड गवर्नेंस की दृष्टि से पूरी गंभीरता से लिया जाय। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिये कि जो अधिकारी आवेदकों से बात नहीं करते उसका उल्लेख उनके गोपनीय प्रतिवेदन में किया जाय। जायज समस्याओं का निराकरण होना ही चाहिये। गड़बड़ी पाये जाने पर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्रवाई हो। देखने में आया कि जनता से सीधे जुड़े पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरीय कल्याण, कृषि, स्कूल एवं उच्च शिक्षा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, राजस्व, महिला-बाल विकास विभाग से संबंधित सर्वाधिक शिकायत प्राप्त होती हैं।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि शहरी विकास और ग्रामीण विकास विभाग प्रदेश में स्वच्छता की विस्तृत कार्य-योजना बनाये। इसके लिये संपूर्ण संस्थागत व्यवस्था तैयार करें। साथ ही स्वच्छता के संबंध में लोगों की मानसिकता परिवर्तन और जागरूकता के लिये कार्य जारी रहे। प्रत्येक शासकीय विभाग अपनी संस्थाओं में स्वच्छता पर विशेष ध्यान दे।

आम लोगों से संवाद की पहल के तहत राज्य सरकार द्वारा आयोजित पंचायतों की घोषणाओं की समीक्षा के दौरान जानकारी दी गयी कि अभी तक हुई 36 पंचायत में की गई 1000 घोषणा में से अधिकांश पूरी हो गई हैं। लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत की गई कार्रवाई की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिनियम के तहत अधिसूचित सेवाओं की अद्यतन स्थिति की जानकारी तैयार करें। अधिनियम के तहत और सेवाएँ शामिल करने की प्रक्रिया जारी करें। उन्होंने निर्देश दिये कि प्रदेश में जिन 500 गाँव के नक्शे नहीं हैं उनका सर्वेक्षण कर नक्शे तैयार किये जाये।

बैठक में बताया कि राज्य में पाँच करोड़ से अधिक आबादी को खाद्य सुरक्षा कानून के जरिये एक रुपया किलो गेहूँ-चावल का लाभ मिल रहा है। यह कुल जनसंख्या का लगभग 72 प्रतिशत है। प्रदेश के प्राय: सभी जरूरतमंद परिवार इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। श्री चौहान ने इसके लिये विभागीय प्रयासों की सराहना की और कहा कि वितरण व्यवस्था में खाद्यान्न वास्तविक उपभोक्ता तक पहुँचाने की चुनौती है।

श्री चौहान ने निर्देश दिये कि सुशासन की महत्वपूर्ण पहल के तहत शपथ-पत्र के स्थान पर स्व-घोषणा पत्र देने की व्यवस्था को दृढ़ता से लागू किया जाय। उन्होंने अभी महिला-बाल विकास से संबंधित परीक्षा में स्व-प्रमाणीकरण को स्वीकार नहीं करने से अनेक अभ्यर्थियों को परीक्षा में नहीं बैठने देने की जानकारी का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए निर्देश दिये कि वस्तु-स्थिति की जाँच की जाये। आवेदकों को जायज तरीके से परीक्षा में नहीं बैठने की पुष्टि होने पर उन्हें परीक्षा में बैठने का मौका दिया। विभाग प्रक्रियाओं को सरलीकृत करें। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 24 दिसम्बर को सुशासन दिवस मनाया जायेगा।

श्री चौहान ने निर्देश दिये कि प्रदेश में उपलब्ध खनिज संपदा के व्यापक सर्वे का कार्य किया जाये। सहकारी बेंकों में कोर बेंकिंग को प्रभावी बनायें। अनुसूचित जाति-जनजाति के प्रतिभावान विद्यार्थियों के लिये विदेश अध्ययन के लिये कोचिंग की सुविधाएँ दें। आगामी 10 माह में सभी स्कूल में शौचालय निर्माण कार्य करवाये जायें। मेडिकल कॉलेज से अस्पतालों की व्यवस्था में सुधार किया जाये। अधूरी पड़ी पेयजल योजनाओं को प्राथमिकता से पूर्ण किया जाये। आंगनवाड़ियाँ समय पर खुलें, उनमें बच्चों की उपस्थिति हो तथा पोषण आहार अच्छी गुणवत्ता का मिले।

बैठक में वाणिज्यिक कर, परिवहन, खनिज, सहकारिता, अनुसूचित जनजाति कल्याण, अनुसूचित जाति कल्याण, स्कूल शिक्षा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, चिकित्सा शिक्षा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और महिला-बाल विकास विभाग की उपलब्धियों की जानकारी दी गयी। बताया गया कि वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा पाँच जिले में ई-पंजीयन योजना लागू की गई हैं जिसे आगामी एक अप्रैल से प्रदेश के सभी जिलों में लागू किया जायेगा। प्रदेश में ग्रामीण परिवहन नीति लागू की गई है। बस स्टेण्डों के संचालन के लिये कंपनी बनायी जायेगी। खनिज विभाग ने ई-खनिज परियोजना तैयार की है जिसे इसी वर्ष से लागू किया जायेगा। सहकारिता विभाग द्वारा आगामी 31 मार्च तक 7 लाख किसान को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करवाये जायेंगे। अभी पाँच लाख किसान को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करवाये जा चुके हैं। अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग द्वारा इस वर्ष 250 स्कूल भवन बनाये गये हैं तथा छात्रगृह योजना में 12 हजार विद्यार्थियों को लाभान्वित किया गया है। अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा विभाग की 12 योजना में सुधार कर उन्हें प्रासंगिक बनाया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 90 लाख से अधिक बच्चों को नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तकें, 87 लाख बच्चों को गणवेश, करीब साढ़े सात लाख बच्चों को साइकिल उपलब्ध करवायी गयी है। विभाग द्वारा 201 वर्चुअल क्लास शुरू की गई है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम में राज्य की कुल आबादी के 72 प्रतिशत को एक रूपये किलो पर सस्ता खाद्यान्न उपलब्ध करवाया जा रहा है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने वर्ष 2018 तक प्रदेश में 5400 चिकित्सक प्रतिवर्ष तैयार करने की योजना बनायी है। वर्तमान में प्रदेश में प्रतिवर्ष 1620 चिकित्सक तैयार हो रहे हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा प्रदेश में 15 समूह नल-जल योजनाओं का कार्य शुरू किया गया है। जारी वर्ष में नल-जल योजना से 1 लाख 38 हजार घरेलू नल कनेक्शन दिये गये हैं। महिला-बाल विकास द्वारा प्रदेश में 92 हजार 216 आँगनवाड़ियों का संचालन किया जा रहा है। इनमें प्रतिदिन 77 लाख बच्चे आते हैं। बैठक में मंत्रीगण, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक तथा विभिन्न विभाग के प्रमुख उपस्थित थे।

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