भोपाल, नवंबर 2012/ उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश के मार्गदर्शन में 15 दिसम्बर, 2012 को प्रदेश के सभी जिला एवं तहसील मुख्यालय पर मेगा लोक अदालत लगायी जाएगी। इस लोक अदालत में नगर निगम, नगर पालिका एवं नगर परिषदों के विभिन्न टैक्स एवं शुल्क, नामांतरण, न्यूसेस, अतिक्रमण, पेंशन से संबंधित प्रकरण और सभी प्रकार के अनुतोष के लिये प्रस्तुत आवेदनों का निराकरण किया जाएगा।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने आदेश जारी कर मेगा लोक अदालत में नगरीय निकायों के सम्पत्ति कर के लम्बित प्रकरणों के निराकरण के लिए अधिभार में छूट देने का निर्णय मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धाराओं के तहत किया है। अधिभार में यह छूट निर्धारित शर्तों के अंतर्गत संबंधित बकायादारों को मिलेगी। सम्पत्ति कर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर तथा अधिभार की राशि 50 हजार रुपये तक बकाया है, उनके अधिभार में शत-प्रतिशत तथा 50 हजार से एक लाख रुपये की राशि बकाया होने पर अधिभार में 50 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी। सम्पत्ति कर एवं अधिभार की राशि एक लाख रुपये से अधिक बकाया होने पर अधिभार में 25 प्रतिशत तक की छूट संबंधित बकायादार को मेगा लोक अदालत में प्रकरण निराकरण करवाने पर मिलेगी।
सम्पत्ति कर के बकायादारों को अधिभार में यह छूट केवल एक बार लोक अदालत के दिन ही मिलेगी। यह छूट वित्तीय वर्ष 2011-12 तक की बकाया राशि पर ही प्राप्त होगी। छूट के बाद बकाया राशि अधिकतम दो किस्तों में जमा करवायी जाएगी। इसमें कम से कम 50 प्रतिशत राशि लोक अदालत के दिन जमा करवाना अनिवार्य होगा।
शासन ने प्रदेश के सभी नगर निगम को लोक अदालत के परिप्रेक्ष्य में सम्पत्ति कर के अधिभार में छूट दिए जाने के प्रस्ताव मध्यप्रदेश नगर पालिक अधिनियम, 1956 की धाराओं के अंतर्गत आगामी एक सप्ताह में शासन के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। इससे शासन द्वारा प्रस्तुत प्रकरणों में विचार कर अधिभार में छूट देने के आदेश जारी किए जा सकेंगे।
विभाग ने सभी नगर पालिका एवं नगर परिषदों को लोक अदालत में सम्पत्ति कर के बकाया प्रकरणों में अधिभार में मिलने वाली छूट का व्यापक प्रचार-प्रसार क्षेत्र की जनता में करने के निर्देश भी दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि शासन द्वारा सम्पत्ति कर के अधिभार में छूट देने का यह निर्णय मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रस्ताव पर लिया गया है।