भोपाल, मई 2015/ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों की फसल के नुकसान की भरपाई करने के लिए नई फसल बीमा योजना को और अधिक व्यवहारिक और किसानों के हितों को ध्यान में रखकर बनाने की वकालत की। नई योजना से किसानों को प्राकृतिक आपदा और अन्य कारणों से हुए फसल के नुकसान के लिए बीमा कम्पनी द्वारा निर्धारित न्यूनतम सहायता दिये जाने के भी सुझाव दिये। श्री चौहान नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा  नई फसल बीमा योजना पर बनायी जा रही नीति पर विचार-विमर्श के लिए बुलायी गयी बैठक में भाग लिया। प्रधानमंत्री निवास पर तकरीबन एक घंटा तक चली इस बैठक में केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, गुजरात सरकार के कृषि मंत्री सहित कृषि विभाग और प्रधानमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपीए सरकार द्वारा बनायी गयी फसल बीमा योजना में किसानों के हितों का ध्यान रखने की बजाय बीमा कम्पनियों को अधिक लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से योजना बनायी थीं। वर्तमान केन्द्र सरकार ने अपने चुनाव घोषणा-पत्र में नई फसल बीमा योजना किसानों के हितों का ध्यान रखकर बनाने का संकल्प लिया। संकल्प को साकार करने के लिए नई फसल बीमा योजना को उपयोगी एवं कारगर बनाने के लिए एनडीए सरकार कटिबद्ध है।

बैठक के बाद श्री चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश  में पिछले साल किसानों की सोयाबीन की फसल बर्बाद हो गयी थी तब मध्यप्रदेश सरकार ने अपने संसाधनों से 2087 करोड़ रूपये की राशि किसानों को सहायता के रूप में बाँटी थी। बीमा कम्पनी वालों ने इतने बड़े नुकसान की भरपाई करने में असमर्थता जतायी और कहा कि हम बीमा के लिए चुकायी गयी किश्तों की कुल राशि से अधिक सहायता नहीं दे सकते हैं।

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