भोपाल, जनवरी 2015/ राज्यपाल रामनरेश यादव ने गणतंत्र दिवस पर भोपाल के लाल परेड ग्राउण्उ पर ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली। समारोह में नरचरिंग द फ्यूचर-बच्चों के लिए मध्यप्रदेश पर आधारित कई विभाग की झाँकियों का प्रर्दशन किया गया।

आदिम-जाति कल्याण की झाँकी में पढ़े आगे बढ़े नये आसमान को छुएँ तथा मध्यप्रदेश में आत्म-निर्भर बनते आदिवासी बच्चे कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाकर शिक्षा प्राप्त करते दिखाये गये। झाँकी की जनजातीय छात्र-छात्राओं की विदेश अध्ययन योजना, संघ लोक सेवा योजना एवं प्रतियोगी परीक्षाओं में उल्लेखनीय सफलता को दर्शाया गया है।

उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण की झाँकी में बच्चों को ग्राफ्टिंग/बडिंग विधि का प्रशिक्षण दिखाया गया। ऊर्जा विभाग द्वारा भविष्य के लिये ऊर्जा पर केन्द्रित झाँकी को दिखाया गया है। किसान-कल्याण तथा कृषि विकास द्वारा बाल पोषण एवं पर्यावरण संरक्षण हेतु जैविक खाद्यान्न पर आधारित झाँकी प्रदर्शित की गई। खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा ‘हर कदम अपनी जीत’ वाक्य को मूल मंत्र मानते हुए झाँकी में प्रदर्शित किया गया।

गृह विभाग की झाँकी में बाल अपराधों की रोकथाम को दर्शाया गया। बच्चों को भयमुक्त वातावरण प्रदान करते हुए पुलिस द्वारा बाल मित्र योजना एवं विशेष किशोर पुलिस यूनिट की स्थापना की गई है। बच्चों से संबंधित शिकायतों के श्रवण हेतु 1098 तथा 1090 हेल्पलाइन का प्रदर्शन किया गया। जेल विभाग की झाँकी में प्रदेशों की जेलों में बंदियों के बच्चों के सर्वांगीण विकास को प्रदर्शित किया गया। जैव विविधता एवं जैव प्रौद्योगिकी की झाँकी में ‘पृथ्वी हमें विरासत के रूप में नहीं धरोहर’ के रूप में मिली है, को परिलक्षित करती हुई झाँकी ‘बच्चों के लिये मध्यप्रदेश’ पर आधारित है। तकनीकी शिक्षा की झाँकी में कौशल विकास मिशन को दर्शाया गया।

नर्मदा घाटी विकास की झाँकी ग्रामीण बच्चों के चहुँमुखी विकास पर आधारित थी। पर्यटन विभाग ने वर्ष 2015 पर्यटन वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा पर आधारित खोज यात्रा के माध्यम से बच्चों को मध्यप्रदेश में पर्यटन संबंधी ज्ञान को झाँकी में दिखाया। पशुपालन की झाँकी में बताया गया कि दुधारू गाय इकाई योजना में बच्चों के लिये माँ के दूध के बाद गाय का दूध प्रथम आहार है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास की झाँकी में स्वच्छता अभियान में बच्चों की भागीदारी एवं जन-धन योजना को दर्शाया गया। महिला-बाल विकास की झाँकी में स्वस्थ-सुपोषित-सुरक्षित बचपन के माध्यम से बच्चों के सम्पूर्ण विकास जैसे सुरक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा एवं स्वच्छता को दर्शाया गया। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय की झाँकी में महिला मतदाताओं की लोकतंत्र में बढ़ती भागीदारी के अंतर्गत प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों की महिलाओं की लोकतंत्र की मजबूती में भागीदारी प्रदर्शित की गई।

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की झाँकी में बच्चों के स्वास्थ्य हेतु प्रदत्त सेवाओं को प्रदर्शित किया गया। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी द्वारा घर-घर नल द्वारा जल प्रदाय योजना को झाँकी के माध्यम से दिखाया गया। वन विभाग की झाँकी में बच्चों के समन्वित विकास तथा उनके द्वारा पर्यावरण की सुरक्षा पर आधारित तथा ग्रामीण बाल जीवन एवं शहरी बाल जीवन को दर्शाया गया है। वाणिज्य, उद्योग और रोजगार की झाँकी में कौशल विकास योजना में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी, मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना एवं प्रधानमंत्री सृजन कार्यक्रम को दर्शाया गया।

सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण द्वारा ‘नि:शक्तजनों के सपने अपार, साकार करेगी मध्यप्रदेश सरकार’ की एक सकारात्मक सशक्त पहल के माध्यम से नि:शक्तजनों विशेषकर मानसिक रूप से अविकसित छात्र-छात्राओं का अपनी क्षमता, योग्यता एवं स्व-रोजगार प्रशिक्षण केन्द्र, फिजियोथेरेपी सेन्टर, कला प्रशिक्षण केन्द्र और ‘नि:शक्त बच्चों के ऊँचे अरमान, ऊँची सोच ऊँची उड़ान’ को झाँकी में दिखाया गया। स्कूल शिक्षा के अंतर्गत वर्चुअल क्लास योजना, योग गतिविधि, कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय/बालिका छात्रावास (के.जी.बी.व्ही.) एवं बाल सभा गतिविधियाँ को प्रदर्शित किया गया। श्रम विभाग की झाँकी में नरचरिंग द फ्यूचर के माध्यम से बच्चों के पोषण से लेकर समग्र विकास की परिकल्पना का प्रदर्शन किया गया।

समारोह में प्रदर्शित झाँकियों में उत्कृष्ट झाँकी का प्रथम पुरस्कार सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग, द्वितीय पुरस्कार जेल तथा तृतीय पुरस्कार स्कूल शिक्षा विभाग को प्रदान किया गया।

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