भोपाल, दिसंबर 2012/ राज्यपाल राम नरेश यादव ने यहाँ रविन्द्र भवन में एम.आर. मोरारका फांउडेशन द्वारा श्री कमल मोरारका के वन्य जीवन पर केन्द्रित छाया चित्रों की प्रदर्शनी का शुभारम्भ करते हुए कहा कि दृष्टि की रचनात्मकता को ही सौन्दर्य बोध होता है। जब प्रकृति और प्राणी का अक्षत सौन्दर्य आँखों के जरिए मन में उतरता है तो अनुभूतियों का इन्द्रधनुष बन जाता है। वन्य जीवन शब्द के पीछे जो रोमांच और कौतूहल है उसकी एक अपनी दुनिया है, जिसकी सैर करना अपने आप में एक सुखद अनुभूति है। राज्यपाल ने दीप जलाकर छाया चित्रों की प्रदर्शनी का पारंपरिक रूप से शुभारम्भ किया।

उन्होने कहा कि वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी एक ऐसा शौक है जिसमें प्रकृति से लगाव, जीवों से प्यार और उससे भी कहीं अधिक, उनसे अपनेपन का एहसास होना जरूरी है। श्री कमल मोरारका ने कैमरे की आँख से वन्य जीवन के जो अदभुत अनुभव हासिल किये हैं उनके छाया चित्रों को देखना अपने आप में एक अनूठा अवसर है।

वन मंत्री सरताज सिंह ने कहा कि वन संरक्षण मध्यप्रदेश के लिए एक अहम मुद्दा है। उन्होंने पन्ना वन अभ्यारण में 18 शेरों के ट्रांसलोकेशन को एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि अगली गणना तक मध्यप्रदेश टाइगर स्टेट को खोया हुआ दर्जा पुनः वापस प्राप्त कर लेगा।

कृषि मंत्री रामकृष्ण कुसमारिया ने कहा कि वन्य जीवों की यह छाया प्रदर्शनी बच्चों के लिए प्रेरणादायक है जो न केवल वन जीवन से उन्हें परिचित कराएगी बल्कि वन्य जीवों के व्यवहार और रहन-सहन से जुड़ी जिज्ञासाएँ भी शांत करेंगी। वन्य प्राणी शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की भावना के जीवंत प्रतीक हैं। वन्य जीवन के इन चित्रों के छायाकार कमल मोरारका ने कहा कि वन्य जीवों के बीच में जो आपसी सामंजस्य है वो इंसानों को भी काफी कुछ सीख देता है। श्री मोरारका ने वन्य जीवन को एक विषय के रूप में स्कूली पाठयक्रम में शामिल किये जाने की आवश्यकता बताई।

इस अवसर पर राज्यपाल रामनरेश यादव, श्री भय्यू जी महाराज, वन मंत्री सरताज सिंह, कृषि मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया और अन्य अतिथियों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

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