ग्वालियरः जन्म से ही दिल में छेद और हृदय संबंधी अन्य गंभीर रोगों से जूझ रहे निर्धन परिवारों के बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लाने में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की पहल कारगर भूमिका निभा रही है। श्री चौहान की पहल पर प्रदेश सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के हृदय रोगी बच्चों के उपचार के लिये ‘‘मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना’’ प्रारंभ की है। इस योजना के जरिए हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के संस्थागत उपचार की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार ने अपने ऊपर ली है।

‘मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना’ का प्रारंभ गत वर्ष किया गया था। योजना के द्वारा हृदय रोगी बच्चों की शल्य चिकित्सा राज्य तथा आवश्यकतानुसार राज्य से बाहर के अस्पतालों में कराया जाता है। बच्चों के इलाज के लिये आवश्यक धन का प्रबंध मुख्यमंत्री को प्राप्त स्मृति चिन्हों की नीलामी से प्राप्त धन से हो रहा हैं। साथ ही जरूरत होने पर सरकार द्वारा इलाज के लिये अतिरिक्त आर्थिक सहायता भी मुहैया कराई जा रही है।

इस योजना का लाभ उठाने के लिए हृदय रोग से विकसित बच्चे को सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक के पास ले जाएँ, जहाँ बच्चे का पंजीयन कर उसकी आवश्यक जाँच की जाती है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा बच्चे का निर्धारित आवेदन भरा जाकर संभागीय समिति को भेजा जाता है। समिति आवेदन का परीक्षण एवं बच्चे की जाँच कर अपनी अनुशंसा सहित हृदय रोगी बच्चे को संबंधित अस्पताल में भेज देते हैं।

उक्त योजना के अंतर्गत रोगी बच्चे को सभी प्रकार की दवाईयाँ जाँच एवं भोजन की व्यवस्था निःशुल्क की जाती है तथा उसके परिवार के दो सदस्यों के ठहरने एवं भोजन की व्यवस्था अस्पताल प्रबंधन द्वारा की जाती है। साथ ही रोगी बच्चे को अस्पताल तक लाने तथा उपचार उपरांत घर तक भेजने की व्यवस्था भी विभाग द्वारा की जाती है। हृदय रोगी बच्चे के अस्पताल से डिस्चार्ज के पश्चात तीन फोलोअप जाँच की व्यवस्था इस योजना में की गई है।

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