भोपाल। प्रदेश में कार्यरत चिकित्सकों को उनके सुचारु कार्य संपादन और उत्कृष्टता के आधार पर विशेष प्रोत्साहन भत्ता दिया जाएगा। यह भत्ता 9 हजार से लेकर 15 हजार रुपए तक होगा। यह जानकारी आज मुख्य सचिव आर. परशुराम की अध्यक्षता में हुई परियोजना परीक्षण समिति की बैठक में दी गई।
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में मलेरिया कार्य योजना पर 55 करोड़ की राशि खर्च होगी। इसके लिए संबंधित स्टाफ को पैरा मेडीकल ट्रेनिंग भी दी जाएगी। मुख्य सचिव ने बैठक में प्रदेश में स्वाइन फ्लू नियंत्रण सहित अन्य कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निरंतर सजग रहने और नागरिकों को भी जागरुक बनाने के लिए प्रयास जारी रखने के निर्देश दिए।
बैठक में जे.पी अस्पताल भोपाल में विभिन्न उपचार सुविधाओं के विकास के लिए 60 करोड़ रुपए की कार्य योजना को मंजूरी दी गई। इसके अलावा अनुसूचित जनजाति क्षेत्र में कार्यरत चिकित्सकों को 10 हजार रुपए प्रतिमाह चिकित्सकों को विशेष भत्ता दिया जाएगा। संपूर्ण स्वास्थ्य सबके लिए के तहत प्रदेश में विभिन्न स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को दायित्व दिया जाएगा। इसके लिए तैयार किए गए प्रशिक्षण कार्यक्रम में लगभग 8 लाख बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, स्वास्थ्य समितियों की प्रतिनिधि और आशा कार्यकर्ता आदि शामिल होंगे। कुल 10 हजार मास्टर ट्रेनर स्वास्थ्य योजनाओं को समुदाय आधारित बनाने के लिए प्रशिक्षण देंगे। प्रदेश में परिवार कल्याण कार्यक्रम में भी विशेष प्रोत्साहन राशि देने की व्यवस्था की जा रही है। ऐसा ही प्रोत्साहन संस्थागत प्रसव के लिए भी दिया जा रहा है। अब प्रदेश की आदिवासी वर्ग की महिलाओं को अतिरिक्त प्रसूति सहायता प्रदान की जाएगी।
बैठक में प्रदेश में संचालित अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों के संबंध में भी चर्चा हुई। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव प्रवीर कृष्ण और अन्य अधिकारी, लोक निर्माण, अनुसूचित जाति कल्याण, आदिम-जाति कल्याण, वित्त एवं योजना विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।